द फॉलोअप डेस्कः
कोलकाता में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या का विरोध कर रहे डॉक्टरों पर हमले को सीनियर-जूनियर डॉक्टरों ने गंभीरता से लिया है। अब झारखंड आईएमए, रिम्स जेडीए, झासा, आईएमए की महिला विंग, आरडीए सीआईपी, एचएचपीआई, आईएपी, आईडीए, आईएपी, झारखंड पारा चिकित्सक संघ सहित राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों समेत निजी अस्पतालों ने शनिवार से अगले 24 घंटे के लिए ओपीडी सेवाएं ठप करने का एलान किया है। सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं बहाल रहेंगी। सभी नियमित सर्जरी भी बंद कर दी गई हैं। आईएमए के बंद का स्वास्थ्य से जुड़ीं दर्जनों संस्थाओं ने अपना समर्थन देने की घोषणा की है।
रिम्स में चार दिनों की हड़ताल में अब तक 40 से अधिक मेजर सर्जरी टालनी पड़ी है। सबसे अधिक 20 से 24 ऑपरेशन सामान्य सर्जरी विभाग में टाले गये। इसके अलावा हड्डी, न्यूरो सर्जरी, पीडियाट्रिक सर्जरी, यूरोलॉजी, कैंसर सर्जरी विभाग में भी ऑपरेशन टाले गये हैं। रिम्स में ओपीडी सेवा ठप रहने से शुक्रवार को परामर्श लेने आये करीब 450 से 500 मरीजों को लौटना पड़ा। पंजीयन काउंटर तो खुल रहा है, लेकिन विभागों के लिए ओपीडी पर्ची जारी नहीं हो रही हैय ऐसे में दूर-दराज से आये मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। इसके अलावा रेडियोलॉजी जांच भी बंद है, क्योंकि इस कार्य में लगे जूनियर डॉक्टर सेवा नहीं दे रहे हैं। इधर, जूनियर डॉक्टरों ने ओपीडी कॉम्प्लेक्स के सामने नुक्कड़ नाटक के जरिये भी अपनी नाराजगी जतायी. वहीं, शाम में ट्रॉमा सेंटर के सामने कैंडल जला कर विरोध दर्ज कराया।
सारे डॉक्टर्स महिला डॉक्टर के साथ क्रूरता करने वाले आरोपितों को फांसी की सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं। मेडिकल कॉलेजों में पहले से ही जूनियर डॉक्टर का कार्य बहिष्कार चल रहा है। ओपीडी से लेकर सर्जरी ठप कर दी गई है। आईएमए झारखंड के सचिव डॉ. प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि इस बार पूरी तरह से स्वास्थ्य सेवाएं ठप रहेंगी। राज्य के 17 हजार से अधिक डॉक्टर कार्य बहिष्कार करेंगे। साथ ही पारा मेडिकल स्टाफ से लेकर एएनएम, जीएनएम नर्स सहित फिजियोथेरेपिस्ट एसोसिएशन के साथी मिलाकर करीब 25 हजार से अधिक स्वास्थ्यकर्मी हड़ताल पर रहेंगे। हड़ताल में डॉक्टरों की सुरक्षा से जुड़ा अहम मुद्दा होगा, जिसमें यहां की राज्य सरकार को भी आगे आना होगा। अभी तक सरकार द्वारा यहां के डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर कोई सुविधा नहीं दी गई है।