रांचीः
कहते हैं जिनके अंदर सच्ची लगन और मेहनत करने का जुनून होता है उनके आगे कोई भी मुश्किल कभी रोड़ा बन ही नहीं सकती। हर परिस्थितियों से लड़कर वह अपने मुकाम को हासिल कर ही लेते हैं। उन्हीं में से एक हैं विनोद कुमार जो JPSC में दूसरे टॉपर बनें हैं। विनोद से जब द फॉलोअप ने बात की तो विनोद से उनके संघर्ष के बारे में जानने का मौका मिला। उन्होंने बतााय कि वह 2018 में जॉब छोड़कर यूपीएससी की तैयारी करने आए थे। विनोद बैंगलोर में सॉफ्टवेयर इंजीनियर की जॉब छोड़कर वापस आये थे। फिलहाल वह चतरा में सब इंसपेक्टर के पद पर हैं। विनोद ने अपनी 12वीं तक पढ़ाई दुमका नवोदय से कंपलीट की थी, इसके बाद NIT त्रिपुरा से स्नातक किया है।
जीवन रुक सी गई थी
जब हमने उनसे पूछा कि जेपीएससी की तैयारी क्यों की, तो उन्होने बताया कि जॉब में उनकी लाइफ बंध गई थी, वह 9 से 5 तक की जॉब करके उब गये थे। हर दिन ऑफिस से घर, घर से ऑफिस के चक्कर काट कर ऐसा लग रहा था जैसे जीवन रुक सी गई थी। इसके बाद ही उन्होंने फैसला लिया कि वह अब प्रशासनिक सेवा की तैयारी करेंगे। बता दें कि उन्होंने कंपयूटर सांइस से इंजिनियरिंग की पढ़ाई की ढ़ाई साल तक जॉब करने के बाद वह जब यूपीएससी की तैयारी करने 2018 में अपने घर वापस आए थे। इसी बीच झारखंड पुलिस में बहाली हो रही थी, फॉर्म भरने पर SI के पद पर उनकी नौकरी हो गई, इसके बाद भी विनोद के मन में कहीं ना कहीं प्रशासनिक सेवा में काम करने का जूनून सवार था। सरकारी नौकरी होने के बावजूद वह जेपीएससी की तैयारी करते रहें और आखिरकार वह जेपीएससी में दूसरे स्थान पर रहें।
घर की आर्थिक स्थिती ठीक नहीं थी
विनोद के बचपन में उनके घर की आर्थिक स्थिती ठीक नहीं थी। वह लोअर मीडिल क्लास परिवार से ताल्लुक रखते थे। 2004 में उनके पिता की सरकारी नौकरी लगी इसके बाद घर की माली हालात में कुछ सुधार हुआ। विनोद के पिता सरकारी टीचर हैं। विनोद चार भाई बहनों में तीसरे नंबर पर हैं। पिता के नौकरी से पहले कई तरह कि आर्थिक संकटों से गुजरना होता था।