द फॉलोअप डेस्कः
जेएमएम के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भाजपा की संविधान हत्या दिवस की घोषणा पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि कल भारत के राजपत्र में एक तिथि को सूचित किया गया। वो तिथि 25 जून होगी। जो देश में आगामी वर्षो में संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाया जाएगा। देश के धर्म ग्रंथ संविधान है। अब भारत सरकार उसकी हत्या का दिवस मनाएगा। इस लोकसभा चुनाव में भाजपा का संविधान को बदलने का नारा आया, 400 पार का नारा लगा तो लोगों की जो बेचैनी थी वो 303 से उतरकर 240 में आ गया। यही बैखलाहट है कि भारत सरकार यानि भाजपा ने 25 जून को संविधान हत्या के रूप में घोषित किया। अजीब विडंबना है कि जिस संविधान को हम पूजते हैं भाजपा अब उसकी हत्या करना चाहता है। पहले बदलने की बात हुई थी। उनका संदर्भ बताया गया कि 25 जून 1975 में जो संविधान की ही धारा 352 का उल्लेख करते हुए देश में आपातकाल लगाया गया था। उस संदर्भ में जहां जो नागरिक अधिकार है संवैधानिक अधिकार है। वो दो वर्षों के लिए सस्पेंड किया गया था। वो संविधान से बाहर का चीज नहीं था। हां वो कालखंड देश के लोकतंत्र के लिए काला अध्याय था।
आगे उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ था। चीन और पाकिस्तान के साथ युद्ध के समय भी आपातकाल लगा था। भाजपा ने उसी संविधान के तहत 365 का उपयोग कई बार किया है। राष्ट्रपति शासन भी लगाया है। वो भी एक तरह से आपताकाल ही होता है। वहीं संविधान की हत्या का पहला मुहर 25 मई 2014 को लगा था। जब मोदी जी ने शपथ लिया था। पहला आर्थिक आपातकाल नरेंद्र मोदी ने लगाया 8 नवंबर 2016 को लगाया गया। नोट बंदी करके। वो आर्थिक आपातकाल था। जब लाखों की संख्या में लोग बेरोजगार हुए। फिर आपताकाल की घोषणा कोरोना काल में। बिना किसी तैयारी के। नागरिक आपातकाल लगाया गया। संपूर्ण लॉकडाउन के तहत लोग मरने को मजबूर थे। किसानों के लिए तीन कृषि कानून लाकर आपातकाल लगाया। जिसमें 750 लोग मारे गये।
मणिपुर जिस दिन जला उस दिन आदिवासियों पर आपातकाल लगा। नीट की पेपर लीक से छात्रों पर आपातकाल लगा। आपने नौकरियों पर आपातकाल लगाया। आप सभी सरकारी संस्थाओं को प्राइवेट कर रहे हैं ये औद्योगिकरण पर आपातकाल लगाया। अपने फरमान जारी किया के छात्रों को दिल्ली यूनिवर्सिटी में मनुस्मृति पढ़ना पड़ेगा यह था आपातकाल। मीडिया पर आपातकाल लगा सभी मीडिया सरकार द्वारा गढ़े गए नॉरेटिव को आगे बढ़ते हैं। बिना किसी आप के एनआईए द्वारा गिरफ्तारी होती है बिना आप के लोग जेल में सड़ रहे हैं। संविधान की हत्या आप रोज करते हैं इसलिए आपको याद आया कि 25 जून संविधान हत्या दिवस है। हम अपनी पार्टी की ओर से इस घोषणा का विरोध करता हूं। और भारत सरकार की इस असंवेधानिक अधिसूनचा को राष्ट्रपति से रद्द करने का मांग करते हैं।