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वर्ष 2030 तक 10 लाख करोड़ की होगी झारखंड की इकोनॉमी, लक्ष्य तय

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द फॉलोअप डेस्कः 
हेमंत सरकार इनदिनों राज्य की अर्थव्यवस्था को नया आयाम देने में जुटी है। इसे लेकर ना सिर्फ 2024-25 के बजट पर चर्चा हो रही है बल्कि 2030 तक राज्य की अर्तव्यवस्था को 10 लाख करोड़ तक  पहुंचाने का लक्ष्य है। जो फिलहाल चार लाख करोड़ के करीब है। झारखंड में बजट पूर्व संगोष्ठी को लेकर लगातार दूसरे वर्ष का आयोजित प्री-बजट संगोष्ठी का फोकस 2030 तक बजट के आकार पर केंद्रित रहा। इस दौरान चर्चा का विषय रहा कि बजट आकार बढ़ाने के लिए सरकार को कैसे-कैसे प्रयास करने होंगे। संगोष्ठी में कृषि और आधारभूत संरचनाओं के क्षेत्र के विशेषज्ञ मौजूद रहे तो संबंधित विभागों के सचिव ने भी अपने सुझाव साझा किए।


किन विषयों पर हुई बातचीत 
कार्यक्रम के दौरान वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख और वित्त विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह भी मौजूद रहे। अजय कुमार सिंह ने बजट में निजी क्षेत्र के निवेशकों को भी समाहित करने को लेकर सुझाव मांगे तो बजट को रोजगार से भी जोड़ने की बात की। पहले दिन सरकार के आर्थिक सलाहकार प्रोफेसर डा. हरीश्वर दयाल ने पीपीटी के माध्यम से झारखंड में विकास की संभावनाओं और इसके लिए हो रहे प्रयासों को समाहित करते हुए रिपोर्ट दी। इसके बाद कृषि, खान एवं भूतत्व विभाग, पर्यटन विभाग तथा सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे।


झारखंडी व्यंजनों को शामिल किया जाएगा
कृषि विभाग की ओर से मौजूद पदाधिकारियों ने सवाल भी पूछे और विशेषज्ञों ने इस पर स्पष्टीकरण भी दिया। कार्यक्रम के दौरान दूसरी पाली में ऊर्जा, नगर विकास, पथ निर्माण, परिवहन एवं उद्योग विभाग के विशेषज्ञों ने विचार व्यक्त किए। इस दौरान आईएचएम रांची के प्राचार्य, भूपेश कुमार ने पर्यटन विशेषज्ञ के तौर पर प्रदेश में पर्यटन के विकास के लिए अहम सुझाव दिए। कहा कि जैसे कि टेंपल टूरिज्म के लिए बजट में विशेष प्रावधान, नए स्टार होटल खोलने के लिए सब्सिडी, पर्यटकों की सुरक्षा के लिए पर्यटन वालंटियर पुलिस और झारखंडी व्यंजनों को सभी सरकारी बैठकों में शामिल करने की बात कही। उन्होंने पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिए जाने के लिए भी अनुरोध किया।