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खनिज संपदा से परिपूर्ण होते हुए भी झारखंड पिछड़ा है, बहुत तकलीफ होती हैः हेमंत सोरेन

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द फॉलोअप डेस्कः
झारखंड में हाइड्रोजन इंजन निर्माण से संबंधित नए संयंत्र की स्थापना को लेकर एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ। इस मौके पर सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि बड़ी विडंबना है कि प्रदेश खनिज संपदाओं से भरपूर है। मुख्यमंत्री ने राज्य के पिछड़ेपन को लेकर दुख व्यक्त किया और इस निकलने के लिए कोशिश करने की बात कही। उन्होंने कहा कि कहने को तो यह राज्य जरूर पिछड़ा राज्य में आता है। लेकिन मुझे यह कहने में तकलीफ होती है कि आखिर यह राज्य पिछड़ा राज्य की लाइन में क्यों खड़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड से बहुत सारी ऐतिहासिक कड़ियां जुड़ी हैं। इसके बावजूद यह पिछड़ा है। उन्होंने कहा कि मैं इसका हल ढूंढने में लगा हूं, लेकिन मुझे अभी तक इसका कोई हल नहीं मिल पाया है। लेकिन प्रयासरत जरूर हूं। उन्होंने कहा कि पिछड़ेपन से हम कैसे बाहर निकलें, इसके रास्ते तलाशने में मैं लगा हुआ हूं। इसके लिए यहां के लोगों के हिसाब से अलग-अलग कार्ययोजना तैयार किए जा रहे हैं। 


बोकारो के वैज्ञानिक को दी शुभकामनाएं
उन्होंने कहा कि यहां के लोगों के समझबूझ के अनुरूप में यह हल निकाल रहा हूं कि हमें किस ओऱ जाना है। हम अपने काम में लगे हैं। आज जिस कार्यक्रम को लेकर हम लोग यहां एकत्रित हुए हैं। यह हमारे देश के लिए एक चर्चा का विषय है वर्षों से रहा है। लेकिन आज हम चर्चा नहीं धरातल पर उतरने के लिए पहला कदम उठाया है। इस राज्य में ऐसा नहीं है कि इस राज्य को पिछड़े राज्य से बाहर नहीं निकाला जा सकता। मुझे पता चला है कि चंद्रयान मिशन में बोकारो के जरीडीह का भी एक आदीवासी युवा शामिल है। जिसका नाम है शिव शंकर बेसरा। आज इसरो में वैज्ञानिक के रूप में है और कई उपग्रह को बनाने में उनका हाथ रहता है। ऐसा नहीं है कि यहां नौजवानों की कमी है। काम करने वाले की कमी नहीं है। यहां भी होनहार छात्र-छात्राएं हैं। उनकी कमी नहीं है। बशर्ते जो हम नीति निर्धारण करने वाले लोग हैं यहां पर, जो संस्थाएं काम कर रही है वह इस बात को भी समझे कि हमें इस राज्य के लिए क्या करना चाहिए।