द फॉलोअप डेस्क
झारखंड के महाधिवक्ता राजीव रंजन पर ईडी ने साजिश रचने का आरोप लगाया है। ईडी ने कहा है कि राजीव रंजन झारखंड में 1250 करोड़ रुपए से अधिक अवैध खनन की जांच कर रहे ईडी के अधिकारियों के खिलाफ साजिश रचने में शामिल थे। ईडी का दावा है कि उनके पास इस संबंध में महाधिवक्ता की संलिप्तता के सबूत हैं। ये बातें ईडी ने हेमंत सोरेन की जमानत याचिका का विरोध करते हुए हलफनामे में किया।
महाधिवक्ता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और पूरी प्रक्रिया उनकी देखरेख में हुई
ईडी ने कहा है कि हेमंत सोरेन ने राज्य मशीनरी का दुरुपयोग किया और अवैध खनन घोटाले में एजेंसी के गवाह विजय हांसदा द्वारा ईडी अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। झारखंड पुलिस ने ईडी अधिकारियों के खिलाफ विजय हांसदा का बयान भी कोर्ट के समक्ष दर्ज कराया। ईडी ने हलफनामे में कहा, "महाधिवक्ता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और पूरी प्रक्रिया उनकी देखरेख में हुई और इस आशय के सबूत उपलब्ध हैं" ईडी ने महाधिवक्ता पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य के सर्वोच्च कानून अधिकारी होने के नाते महाधिवक्ता ने पेशी और रिमांड के दौरान भी हेमंत सोरेन का बचाव किया और उनके लिए बहस की।
ईडी के अधिकारियों की जासूसी की बनी थी योजना
बता दें कि विजय हंसदा द्वारा दर्ज अवैध पत्थर खनन के मामलों में की ईडी जांच कर रही है। बाद में शिकायतकर्ता विजय हांसदा मुकर गया। और ईडी के सहायक निदेशक देवव्रत झा और सहायक अधिकारी अनुपम कुमार के खिलाफ आईपीसी और एससी, एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराया। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया।