द फॉलोअप डेस्कः
हजारीबाग जिले में एक आईटीआई के छात्र ने आत्महत्या कर ली। परिजनों ने हजारीबाग पुलिस पर पुलिस प्रताड़ना और दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है। पीड़ित परिवार ने एसपी को आवेदन सौंपा है। जिसमें बताया गया है कि पुलिस प्रताड़ना से छात्र अपमानित महसूस कर रहा था, इस वजह से उसने सुसाइड कर लिया। मामला बड़ा बाजार ओपी अंतर्गत खिरगांव रोड सिरका का है। मृतक छात्र की पहचान भोला पासवान (22) के रूप में हुई है। वह कोडरमा लोकाय आईटीआई का छात्र था।
क्या है मामला
आत्महत्या से पहले उसने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है। परिजनों ने बताया कि 1 मई को घर के सामने एक मोटरसाइकिल खड़ी थी। जिसमें कोई व्यक्ति अपना मोबाइल छोड़कर शराब पीने चला गया था। तभी मोटरसाइकिल पर रखे मोबाइल पर भोला की नजर पड़ी और उसने मोबाइल उठा लिया। मोबाइल गोंदलपुरा निवासी अडानी के कर्मचारी अरुण का था। जब उन्होंने मोबाइल गायब देखा तो उन्होंने खोजबीन शुरू की। उन्होंने बगल के दुकान में लगा सीसीटीवी फुटेज चेक किया। जिसमें पता चला कि फोन भोला ने उठाया है।
घर आते ही फंदे से लटक गया
जिसके बाद उन्होंने बड़ा बाजार ओपी में छात्र के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। इस शिकायत पर पुलिस ने छात्र को 3 मई की सुबह 6 बजे घर से हिरासत में ले लिया। भोला पासवान ने मोबाइल फोन थाने में जमा कर दिया। इसके बावजूद पुलिस ने उसे शाम 7:30 बजे थाने से छोड़ा। घर आते ही वह पीछे के दरवाजे से चहारदीवारी फांदकर अपने कमरे में बंद हो गया। 4 मई को सुबह देखा गया कि उसने कमरे में आत्महत्या कर ली है।
सुसाइड नोट में कारण का जिक्र नहीं
मृतक के परिवार वालों का कहना है कि पुलिस की प्रताड़ना से उसका बेटा अपमानित महसूस कर रहा था। इसलिए उसने आत्महत्या कर ली। परिजनों का कहना है कि भोला ने मोबाइल लावारिस पड़ा देख उठाया था। उसे पूरे दिन हथकड़ी से बांधकर रखा गया था। आरोप लगाया गया है कि थाना के एक निजी चालक के माध्यम से उससे 15000 की मांग भी की जा रही थी। हालांकि, मृतक द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट से इन आरोपों पर सवाल उठ रहे हैं कि अगर उसने पुलिस प्रताड़ना से अपमानित होकर आत्महत्या की है तो उसने सुसाइड नोट में इसका जिक्र क्यों नहीं किया? सुसाइड नोट में लिखा है कि मैं अपनी मर्जी से फांसी लगा रहा हूं मुझे मेरे परिवार की तरफ से कोई दिक्कत नहीं है।