डेस्कः
एक बड़ी ही अजीबोग़रीब और हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक खोई हुई नाबालिग को ढूंढने के लिये पुलिस कर्मियों ने 2 महीने में 2 लाख 80 हज़ार रुपये के पनीर पकौड़े खा लिए। इससे परेशान होकर नाबालिग के ताऊ ने जहर पीकर आत्महत्या कर ली। पुलिस को भले ही अब तक नाबालिग ना ढूंढ पाई हो। लेकिन उसे ढूंढने के चक्कर में पुलिस के कई शौक पूरे हो गए। पुलिसकर्मी लड़की को खोजने के दौरान लग्जरी गाड़ियों में सफर करते थे और पनीर पकोड़े खाते थे। ताऊ के आत्महत्या करने के बाद पुलिस कर्मियों के खिलाफ लगातार विरोध बढ़ता जा रहा है।
केवल अपने शौक पूरे किये पुलिस ने
मामला राजस्थान के चूरू के रतन नगर इलाके का है। ग्रामीणों ने एसपी को बताया है कि नाबालिग को ढूंढने के नाम पर पुलिस थाने के एएसआई श्यामलाल, हेड कांस्टेबल भंवरलाल और सिपाही मदनलाल लग्जरी गाड़ियों में सफर करते थे। आरोप है कि श्यामलाल होटलों पर पनीर के पकोड़े खिलाने को बोलता था। तीनों पुलिसकर्मी मिलकर अब तक करीब 2.80 लाख रुपए खर्च करवा चुके हैं। एसपी का कहना है कि पूरे मामले की जांच होगी। यदि पुलिसकर्मी भी दोषी हैं तो उन्हें भी नहीं बख्शा जाएगा। दरअसल सुरजाराम ने शिकायत दर्ज करते हुए कहा था कि उसका छोटा भाई विदेश में रहता था। ऐसे में उसकी भतीजी उसके पास ही रहती थी। जिसे 29 अक्टूबर को नवीन और नरेश नामक युवक किडनैप कर ले गए थे। पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस पूरे दो महीने तक घूमती रही लेकिन नाबालिग का कोई क्लू तक नहीं मिल पाया। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस ने इस मामले में केवल अपने शौक पूरे किए हैं।