द फॉलोअप डेस्कः
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज पाकुड़ जिला के बाजार समिति के मैदान में आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार की उपलब्धि गिनाने के साथ-साथ विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के बारे में खूब जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अगले महीने के 26 तारीख तक सरकार आपके द्वार में रहेगी। आगे उन्होंने कहा कि सरकार आपके द्वार कार्यक्रम से किसी को पेंशन का लाभ, किसी को किशोरी बाई फुले योजना लाभ तो किसी को अन्य योजना का लाभ मिल रहा है। लेकिन विपक्ष कहते हैं कि इस सरकार से कोई उम्मीद नहीं है। मै आपसे जानना चाहता हूं कि आप लोग खुश हैं कि नहीं। आपसे जानना चाहता हूं कि आपको पेंशन मिलता है कि नहीं मिलता है, गरीबों को धोती-साड़ी मिलता है कि नहीं। इतना सबकुछ मिलता है फिर भी एक आदमी अलग भोंपू लेकर घूमता है। अजीब हालत है। लेकिन उनकी बातों पर ध्यान नहीं देना है। आप भी मत दीजिए हम भी नहीं देंगे। हमें अपना काम करना है। 2021 में हमने सरकार आपके द्वार कार्यक्रम को शुरू किया था। उस समय पदाधिकारी ट्रैक्टर से शिविर में जाते थे, बैलगाड़ी से जाते थे। जो कर्मचारी कभी आपके गांव में नहीं पहुंचता था वह लैपटॉप, प्रिंटर उठाकर आपके लिए गांव-गांव जाता था। उस समय लगभग 35 लाख आवेदन मिला, 2022 में 55 लाख आवेदन मिला और ये 2023 का तीसरा चरण का शिविर शुरू हुआ। हमारी देखा देखी कई राज्य की सरकार इस तरह की योजना चला रही। कई राज्य तो दो-तीन बार इस कार्यक्रम का आयोजन कर चुकी है। क्योंकि शिविर के जरिए सूक्ष्म जानकारी हमें मिल रही है, जो पदाधिकारी पहले नहीं देते थे। पहला चरण में हमें पता चला कि कैसे बुजुर्ग पेंशन के लिए धक्का खाते थे, कैसे विधवा को 40 वर्ष की नहीं होती थी तो पेंशन नहीं मिलता था। अब तो इतना पेंशन का भरमार आ गया कि लेते रहो।
हमारे साथ करती है सौतेला व्यवहार
सीएम ने कहा कि इस बात की जानकारी हमें थी कि पेंशन को लेकर समस्याएं आएंगे। क्योंकि इस समस्या का समाधान राज्य गठन से पहले और बाद में भी नहीं निकला। ना किसी सांसद के वश के बात थी, ना विधायक के वश की बात थी। ये सरकार के वश की बात थी लेकिन बेईमानों के सरकारों ने आपको अपना अधिकार ना देकर अपनी जेब भरने का काम किया। इसलिए सबसे पहले हमने इस राज्य की पेंशन की समस्या को सुलझाया। आज राज्य में कोई ऐसा बुजुर्ग नहीं है जिसको पेंशन नहीं मिलता होगा। अब दललों का चक्कर खत्म हो गया है पेंशन को लेकर। गरीबों के लिए सबसे जरूरी है कि पेट कैसे भरे। आवास कैसे मिले। कपड़ा कैसे मिले। इसके बावजूद केंद्र सरकार ने हाथ खड़ा कर लिया। उनको पता है कि हमारे राज्यों में गरीबों की संख्या अधिक है। और उनको ये भी पता है कि राज्य सरकार का आवंटन होते हुए भी हम इनको पैसा नहीं देंगे। हमलोग रोते-गिड़गिड़ाते रहे लेकिन गरीबों के लिए आवास स्वीकृत नहीं हुआ। हमलोगों ने अपने वित्तीय व्यवस्था को देखा कहां-कहां से हम पैसा जुटा सकते हैं। उन सबको ध्यान में रखकर हमने अपने बदौलत हमने 20 लाख राशन कार्ड लोगों के बीच बांटा और उससे गरीबों को अनाज दे रहे हैं। विपक्ष हमारे साथ सौतेला व्यवहार करती है। हमने मांग की कि हमे एफसीआई से अनाज दिलाया जाए लेकिन हमको नहीं दिया गया। आखिरकार हमें महंगे दामों पर अनाज लेना पड़ा। हमलोगों ने वित्तिय व्यवस्था को मजबूत करने का काम किया। बड़ी-बड़ी कंपनियों से पैसा निकाला जो दबाकर बैठे थे। उन्हीं पैसों को बचाकर हम गरीबों को धोती-साड़ी दे पा रहे हैं।
हम देंगे अबुआ आवास
मकान की बात करे तो वह भी केंद्र ने नहीं दिया। यहां कोई अंबानी-अडानी की सरकार नहीं है। यहां पिछड़ों की सरकार है इसलिए हमारे साथ सौतेला व्यवहार होता है। हमें सेवा कैसे करनी है हम जानते हैं। हमें अधिकार लेना आता है इसलिए हमने कहा था कि हम मुर्गीखाना बनाकर नहीं देंगे। हम एक प्रॉपर घऱ बनाकर देंगे। इसलिए हमने अबुआ आवासा योजना को शुरू किया है। यहां काउंटर लगे हैं। आवास के काउंटर में सबसे ज्यादा भीड़ है। मैं पदाधिकारियों से कहना चाहूंगा कि आप एक औऱ का काउंटर बनाईए ताकि ग्रामीणों को असुविधा ना हो। इस आवास योजना में 16-17 हजार करोड़ खर्च होगा लेकिन हम जो कहते हैं वो करते हैं। इसलिए अपने पैसे से देंगे हम आवास। कालाजार गरीबों को होता है क्योंकि गरीबो का घर टूटा फूटा होता है और उसी घर की वजह से ये बीमारी फैलती है। अब बहुत जल्द हम गरीबों को आवास देंगे। विपक्षियों को पेट दर्द हो रहा है। पहले चरण में इन्होंने बहिष्कार किया, दूसरे चरण में ये लोग चोरी छिपे हमारे पास पहुंचते हैं। अब तीसरे चरण में हमारे काम में मिट्टी डाल रहे हैं कोई बात नहीं ये लोग उसी मिट्टी में लटपटाकर रह जाएंगे। विरोधियों ने 20 साल में राज्य का बेड़ागर्ग कर दिया। लोग हाथ में थाली लेकर भात-भात करते मर गये। हमारे साथ कई चुनौतियां थी। जब काम इतनी तेजी से देखा तो विपक्षियों ने षड्यंत्र शुरू कर दिया। तरह-तरह के आरोप लगाने लगे। इनका कोई योगदान नहीं है राज्य में। ये लोग चतुराई से सत्ता पर बैठे हैं। राज्य को बद से बदतर कर देता। महांगाई आसमान छू रही है। ये लोग झूठे हैं। गरीब नहीं जानते हैं कि बिचौलियों का कैसा चांदी हुआ पड़ा है। वहीं पूरे देश में झूठ फैलाकर इनलोगों ने रखा है। हिंदू मुस्लिम करके लड़ा रहे है। मणिपुर में आदिवासियों पर अत्याचार हो रहे हैं। विपक्ष के मुहं में ताला लगा है। हमारे जवान शहीद हो जाते हैं लेकिन किसी का मुंह नहीं खुलता है। लेकिन हमारी सरकार संवेदनशील है। नियुक्ति भी निकल रहा है। उम्मदी है कि तीसरा चरण भी पूरी तरह से सफल रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्वालिटी एजुकेशन और नौजवानों को रोजगार उपलब्ध कराने पर सरकार का विशेष फोकस है। निजी विद्यालयों के तर्ज पर सरकारी विद्यालयों के बच्चों को शिक्षा देने के लिए स्कूल ऑफ एक्सीलेंस खोले गए हैं । आदर्श विद्यालयों के गठन के साथ सरकारी विद्यालयों को पठन- पाठन से संबंधित संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं । छात्रावासों का जीर्णोद्धार हो रहा है । इसके अलावा विद्यार्थियों को प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी से लेकर मेडिकल इंजीनियरिंग और अन्य कोर्सेज करने के लिए आर्थिक सहायता सरकार दे रही है। वहीं, दूसरी तरफ पढ़े-लिखे और कम पढ़े लिखे एवं स्वरोजगार के इच्छुक नौजवानों के रोजगार के लिए भी सरकार की कार्य योजना है । आज बड़े पैमाने पर सरकारी और निजी क्षेत्र में नौकरी दी जा रही है तो मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के माध्यम से युवाओं को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि वे अपना रोजगार कर सकें।
97 योजनाओं की रखी गई नींव , 21 योजनाओं का हुआ उद्घाटन
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 66 करोड़ 76 लाख 20 हज़ार रुपए की लागत से निर्मित 21 योजनाओं का उद्घाटन किया। वहीं, 97 योजनाओं की आधारशिला रखी । इन योजनाओं पर 87 करोड़ 4 लाख 80 हज़ार रुपए ख़र्च होंगें। इस तरह 153 करोड़ 81 लाख रुपए की 118 योजनाओं का तोहफा पाकुड़ वासियों को मिला। मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं के 9942 लाभुकों के बीच 126 करोड़ 94 लाख 50 हज़ार रुपए की परिसंपत्ति प्रदान कर उनके सशक्तिकरण और स्वावलंबी बनने का राह प्रशस्त किया।