रांची:
झारखंड में जारी सियासी हलचल के बीच सोमवार को सत्ताधारी विधायकों का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल रमेश बैस से मिलने पहुंचा। विधायकों ने राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर लगे खनन पट्टा लीज लेने के आरोपों के खिलाफ राज्यपाल रमेश बैस को ज्ञापन सौंपा।
झामुमो ने राज्यपाल से शिकायत की है कि बीजेपी झारखंड में लगातार हेमंत सोरेन सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है। सरकार गिराने की साजिश रच रही है।
आज सत्तारूढ़ गठबन्धन के एक प्रतिनिधि मण्डल ने माननीय राज्यपाल महोदय से मुलाक़ात की।@HemantSorenJMM @Jmm_Mahila@INCJharkhand@RJD4Jharkhand@BhoktaSatyanand @kumarsudivya @RajeshKinc pic.twitter.com/jrkVeZ42hs
— Jharkhand Mukti Morcha (@JmmJharkhand) April 25, 2022
जनप्रतिनिधित्व कानून में माइंस नहीं आता!
राज्यपाल से मुलाकात के बाद मीडिया से मुखातिब झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि सुपीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा-9 (ए) के तहत जिन 6 बिंदुओं को इंगित किया गया है, उसमें माइंस लेने का मामला नहीं आता।
ज्ञापन को निर्वाचन आयोग में भेजने की मांग
सत्तापक्ष के विधायकों ने राज्यपाल से मांग की है कि जिस प्रकार बीजेपी प्रतिनिधिमंडल द्वार दिया गया ज्ञापन केंद्रीय निर्वाचन आयोग के भेजा गया, उसी प्रकार सत्ताधारी विधायकों द्वारा दिया गया ज्ञापन भी भेजा जाये।
उन्होंने कहा कि इससे बीजेपी जो भ्रम भैला रही है वो खत्म होगा। राज्यपाल से मुलाकात करने पहुंचे सत्ताधारी पार्टी के विधायकों में मंत्री सत्यानंद भोक्ता, पूर्व मंत्री सह झामुमो विधायक मथुरा प्रसाद महतो, सुदिव्य कुमार सोनू, राजेश कच्छप, नमन विक्सल कोंगाड़ी और झामुमो प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य शामिल थे।
बीजेपी नेताओं द्वारा सरकार गिराने का प्रयास
मीडिया से मुखातिब सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य में सरकार को अस्थिर करने का प्रयास बीजेपी नेताओं द्वारा किया जा रहा है। राजभवन को भ्रम की स्थिति में रखा गया है। राज्यपाल ने आश्वासन दिया है कि राज्य में संवैधानिक प्रावधानों का किसी भी तरह से उल्लंघन नहीं होने दिया जायेगा। सुदिव्य कुमार ने कहा कि जब से हेमंत सोरेन की सरकार बनी है कि बीजेपी सरकार गिराने की साजिश कर रही है।