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झारखंड में खटिया पर 2 किमी तक उखड़ती सांसों का सफर, अस्पताल से पहले आई मौत

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द फॉलोअप डेस्क
झारखंड राज्य बनने के 23 वर्ष बाद भी राज्य के सड़कों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। सीएम लगातार विकास के दावे करते नजर आते हैं। लेकिन सड़कों के स्थिति में कोई सुधार नही हुआ है। आए दिन विभिन्न जिलों से ऐसी तस्वीर सामने आ जाती है जिसमें सड़क के अभाव में मरीज समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाते है, जिससे उनकी मौत हो जाती है। ताजा मामला गिरिडीह जिले के डुमरी प्रखंड से सामने आया है। यहां एबुंलेंस के अभाव में एक मरीज की मौत हो गई। मृतका का नाम सितामुनि है। महिला के पति ने बताया कि बीती रात अचानक तबीयत खराब हो गई थी। समय पर एंबुलेंस नहीं आने के कारण हम पैदल ही निकल पड़े लेकिन रास्ते में ही पत्नी की मौत हो गई।

 
क्या है पूरा मामला
चेरीबेडा के रहने वाली महिला का नाम सितामुनि है जो बबलु मुर्मू की पत्नी थी। महिला के पति बबलु मुर्मू ने कहा कि सोमवार की रात मेरी पत्नी सितामुनि की तबीयत बहुत ज्याता खराब हो गई थी जिसके बाद उसे दवा दी गई थी लेकिन हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। रात को तबीयत ज्यादा बिगड़ गई जिसके बाद हमने अस्पताल ले जाने की सोची। सड़क नहीं होने के कारण ग्रामीणों के सहयोग से अगले दिन सुबह खाटिया के सहारे मरीज को ले जाया गया। करीब तीन किलोमीटर के सफर तय करने के बाद ग्रामीणों ने मरीज को लेकर टेसाफूली पहुंचे जहां पर एबुलेंस खड़ी थी। उसके बाद एबुलेंस के सहारे मरीज को डुमरी अस्पताल ले जया गया लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी महिला ने दम तोड़ दिया था।


मौके पर पहुंचे भाजपा नेता
अगले दिन यानि बुधवार को भाजपा के नेता सुरेंद्र कुमार को धटना के बारे में जनकारी मिली।वह अपने कार्यकर्ता के साथ वहां पहुंचे और पीड़ित परिवार से पूरी धटना के बारे में जनकारी ली। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को इसकी कोई चिंता नही है कि सड़क के कारण मरीजों की मौत हो रही है। उन्होंने राज्य सरकार से पीडित परिवारों के लिए मुआवजा और सड़क बनाने का मांग किया।