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दूल्हा नहीं आया तो जीजा संग ले लिए फेरे, फिर पोंछ दी सिंदूर

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द फॉलोअप डेस्कः
झांसी के पॉलिटेक्निक कॉलेज मैदान में 27 फरवरी को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत कई जोड़ों की शादी करवाई गई थी। जिसमें झांसी के बामोर निवासी खुशी की शादी छतरपुर मध्यप्रदेश के बृषभान के साथ तय हुई थी। समारोह में उसका रजिस्ट्रेशन नंबर 36 था। बृषभान किसी वजह से शादी करने नहीं पहुंचा। इस पर घरवालों ने खुशी की शादी उसके रिश्ते के जीजा दिनेश से करवा दी। शादी के बाद इस जोड़े को लेकर कुछ लोगों के बीच खुसर-पुसर हुई। इसी दौरान युवती ने मांग से सिंदूर और बिंदी हटा दी।


समारोह में शादी करने आई दुल्हन 'खुशी' का कहना है कि होने वाला पति (दूल्हा) बारिश की वजह से नहीं आ पाया। इस वजह से जीजा से शादी कर ली। खुशी कहती है कि मुझे मालूम है कि यह गलत है, लेकिन मेरी भी समस्या थी। फॉर्म भर चुका था। सबकुछ ऑनलाइन दर्ज हो चुका था। मैं मंडप भी पहुंच गई थी, इसलिए शादी करनी पड़ी। वहीं, दूल्हा बने बृषभान ने बताया कि उसका नाम दिनेश है। वह छतरपुर नहीं, बल्कि बामोर का रहने वाला है। दिनेश ने बताया कि खुशी की बृषभान से शादी होनी थी। वह नहीं आया तो विभाग के ही कुछ लोगों के कहने पर वह बृषभान के स्थान पर दूल्हा बन गया। दिनेश ने बताया कि वह पहले से शादीशुदा है। खुशी का रिश्ते में जीजा लगता है।


पैसे हड़पने की मंशा थी 
इस सामूहिक विवाह समारोह में 132 जोड़ों का विवाह कराया गया था। लेकिन एक जोड़ा संदिग्ध नजर आया। क्योंकि, फेरे लेने के बाद दुल्हन बनी खुशी अपनी मांग का सिंदूर पोंछ रही थी। उसने माथे से बिंदी आदि को भी हटा दिया था। जांच करने पर पता चला कि दुल्हन खुशी का पति नहीं आया था। उसने अपने जीजा दिनेश संग फेरे लिए हैं। बताया जा रहा है कि सामूहिक विवाह में मिलने वाले सरकारी पैसे और सामान को हड़पने के लिए ये पूरा खेल खेला गया था। इसमें विभाग के कुछ लोगों की मिलीभगत की की बात कही जा रही है। फिलहाल, मामला मीडिया में आने के बाद समाज कल्याण विभाग ने जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही कहा कि जांच के बाद मिले तथ्यों के आधार पर जांच की जाएगी।