डेस्क:
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Minister Hemant Soren) सोमवार को जामताड़ा (Jamtara) के दौरे पर थे। यहां मुख्यमंत्री ने कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने जामताड़ा में लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का भी वितरण किया। कार्यक्रम स्थल पर इस दौरान अजीब वाकया दिखा। एक महिला मंच के ठीक सामने जमीन पर बैठ गई। महिला का नाम राधा रानी बताया जा रहा है। महिला का कहना था कि वो मंच के सामने शांतिपूर्ण सत्याग्रह कर रही हैं क्योंकि उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है।
जिला परिषद अध्यक्ष हैं राधा रानी
दरअसल, मंच के सामने जमीन पर बैठकर विरोध जता रहीं राधा रानी नाम की महिला ने बताया कि वो जिला परिषद अध्यक्ष हैं। जिला परिषद अध्यक्ष राधा रानी (Zilla Parishad President Radha Rani) कार्यक्रम स्थल पर शिलान्यास तथा उद्घाटन को लेकर लगाए गये शिलापट्ट में अपना नाम अंकित नहीं होने की वजह से नाराज थीं। महिला का आरोप था कि चूंकि वो आदिवासी हैं इसलिए उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। किसी भी शिलापट्ट में मेरा नाम अंकित नहीं किया गया है।
शिलापट्ट में नाम नहीं होने से नाराजगी
महिला ने कहा कि जब 2014 में मुख्यमंत्री रहते हेमंत सोरेन यहां परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करने आये थे तो तात्कालीन जिला परिषद के प्रभारी अध्यक्ष का नाम शिलापट्ट में अंकित था लेकिन फूल प्लेजेंट अध्यक्ष होने के बावजूद उनका नाम शिलापट्ट में अंकित नहीं किया गया। महिला ने कहा कि तब आनंद लाल मरांडी को चुनाव जीतते ही वाहन उपलब्ध करा दिया गया। काउंटिंग हॉल में ही बॉडीगार्ड दिया गया लेकिन उनको आज तक वाहन या बॉडीगार्ड नहीं मिला।
संवैधानिक अधिकारों का हनन किया गया
जिला प्रशासन (Jamtara District Administration) पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए महिला ने कहा कि आदिवासी महिला होने की वजह से जानबूझकर उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वे शांतिपूर्ण तरीके से जमीन पर बैठकर अपना विरोध जता रही हैं। उन्होंने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री के समक्ष भी अपनी बातों को रखा। उन्होंने कहा कि मैं चुप नहीं बैठूंगी।