जमशेदपुरः
अपने विचारों को बेबाक तरीके से मीडिया के सामने रखने वाले निर्दलीय विधायक सरयू राय इन दिनों काफी चर्चा में है दरअसल कई लोगों को जेल भिजवाने वाले सरयू राय इन दिनों भ्रष्टाचार के आरोपों से खुद गिरे हुए हैं। इस बीच उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई बातों को मीडिया के सामने साझा किया उन्होंने कहा है कि एसीबी और निगरानी विभाग के बीच हुए पत्राचार को रघुवर दास के करीबी ने तिल का ताड़ बना दिया, मुझपर भ्रष्टाचार बम फोड़ दिया। प्रेस और मीडिया के सामने मसालेदार, चटपटी खबर बनाकर पेश कर दिया। प्रेस मीडिया ने इसे प्रमुखता से प्रसारित किया और हेडलाइन दिया कि सरयू राय की मुश्किलें बढ़ीं। लेकिन जब मैंने पता किया तो पता चला कि रघुवर दास एवं हेमंत सरकार में समान रूप से भ्रष्टाचार का सिक्का चलाने वाले प्रेम प्रकाश के एजेंट ने यह झूठी खबर फैलायी है। जमशेदपुर के दरबारियों ने इसपर प्रेस कांफ्रेंस कर दिया, मुझे जेल भिजवाने का बड़बोलापन करने लगे। शीशा के घर में रहने वाले दूसरे के घर पर पत्थर फेंकने लगे। जनता में भ्रम फैलाने लगे। जमशेदपुर के असामाजिक गिरोह इस मामले में एक प्लेटफ़ार्म पर आ गए। सरयू राय ने कहा है कि लोग और मीडिया भ्रष्टाचारियों द्वारा फैलाए गए भ्रम का शिकार नहीं बने, भ्रम फैलाने वालों से सवाल पूछे, इनका षड्यंत्रकारी चेहरा बेनक़ाब करें. इसलिए तथ्य सामने रख रहा हूँ।
क्या कहा सरयू राय ने
सरयू राय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जिन अहंकारी ताकतों को जमशेदपुर की जनता ने पिछले चुनाव में धूल चटा दिया था उन्होंने टेल्को के किसी जी कुमार से वही आरोप निगरानी विभाग सहित दर्जनों जगहों पर भेजवाया जिसे वे जुलाई 2021 में राज्यपाल से मिलकर दे चुके थे। निगरानी विभाग ने ये आरोप एसीबी के पास भेज दिया। एसीबी ने गोपनीय जांच में जी कुमार को बुलाकर पूछताछ की। जी कुमार ने मेरे विरूद्ध दिये गए आरोप पत्र में सरकारी संचिकाओं की फ़ोटो कॉपियां दी। इसपर एसीबी ने निगरानी विभाग को यही लिखा है कि जी कुमार ने संचिकाओं के जिन पन्नों की फ़ोटो कॉपियाँ दी हैं उनका मिलान मूल संचिकाओं से करने के लिए गोपनीय नहीं बल्कि खुली जांच करनी होगी और संबंधित विभागों में निगरानी विभाग का आदेश लेकर जाना होगा। इसके लिए पीई करना होगा। यदि निगरानी विभाग चाहता है तो पीई दर्ज करने की अनुमति दे सकता है।
क्या है मामला
एसीबी ने सरयू राय समेत अन्य के खिलाफ भी पीई दर्ज करने की अनुमति मांगी है। इस संबंध में ACB ने मंत्रिमंडल, सचिवालय और निगरानी विभाग को पत्र लिखा है। सरयू राय समेत अन्य के खिलाफ पद पर रहते हुए एनजीओ युगांतर भारती को लाभ पहुंचाने, बिना टेंडर आहार पत्रिका छपवाने और बाजार दर से अधिक दर पर वॉइस मैसेज का कार्य आदेश जारी करने का आरोप लगा था। इस संबंध में जी कुमार नामक व्यक्ति ने एसीबी में परिवाद संख्या 344/22 दर्ज कराई थी। एसीबी के एएसपी ने परिवाद में आधार पर मामले की जांच डीएसपी अरविंद कुमार सिंह को दी थी। जांच के बाद डीएसपी अरविंद कुमार सिंह ने मामले को गंभीरता को देखते हुए कुछ मामलों में प्राथमिकी आरोप में तथ्य पाए जाने की बात की थी। डीएसपी के आधार पर एसीबी ने इस मामले में पीई दर्ज करने की अनुमति मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग से मांगी है।