logo

झारखंड में अब नहीं भरे जाएंगे बाहरी, पहले हम अपना पेट भरेंगे; धनबाद में बोले हेमंत सोरेन

gumla7.jpg

द फॉलोअप डेस्कः
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत धनबाद गये हैं। यहां वो अपनी सरकार की उपलब्धि तो गिना ही रहे हैं। इसके साथ ही वह केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोल रहे हैं। आज के कार्यक्रम में उन्होंने एक बड़ी बात कही। वह अपने संबोधन में कहा रहे थे कि अब बाहरियों को नौकरी देने से पहले हम सोचेंगे। लोगों को झारखंड में ही रोजगार मिले इसलिए निजी क्षेत्र में 75 फीसदी स्थानीय को नौकरी देने का कानून बनाया है। 60 हजार से ज्यादा लोगों को हमने नियुक्ति पत्र दिया। कंपनियां बाध्य है इस बात के लिए वह इस बात की सूची उपलब्ध कराए कि फैक्ट्री में कितने स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। पहले हम अपना पेट भरेंगे फिर दूसरे का सोचेंगे। वह दिन नहीं रहा कि बाहर के लोग अपने लोगों को लाकर यहां नौकरियों में भर देंगे। 


60-40 नाय चलतौ का नारा लगते रहा है
बता दें कि बुधवार को ही विधानसभा के शीतकालीन सत्र में 1932 खतियान आधारित स्थनीय बिल को सदन से पारित किया गया है। पूरे सत्र के दौरान नियोजन नीति स्पष्ट करो का नारा गूंजता रहा। ऐसे में सीएम के आज के बयान से यह कुछ हद तक स्पष्ट होता दिख रहा है कि बहुत जल्द सीएम नियोजन नीति को लेकर भी अपनी मंशा स्पष्ट कर दें, क्योंकि लंबे समय से झारखंड में 60-40 नाय चलतौ का नारा गूंज रहा है। सड़कों पर युवा प्रदर्शन करते दिख रहे हैं। युवाओं की भी यही मांग है कि राज्य की नौकरियों में बाहरियों की एंट्री बंद हो। 


योजनाओं के बारे में बताया 
आगे योजनाओं के बारे में बताते हुए सीएम ने कहा कि हम पशुधन, दीदी बाड़ी योजना और बिरसा हरित ग्राम योजना लाए ताकि किसानों-पशुपालकों का फायदा हो। मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना से महिला और पुरुष स्वरोजगार के लिए आर्थिक मदद हासिल कर सकते हैं। लोगों को रोजगार के लिए सरकार पूंजी देगी। मेरे घर के ड्राइवरों को भी हमने कहा कि तुम यहां नौकरी करने की बजाय अपना रोजी-रोजगार तलाश क्यों नहीं करते। मैंने उनसे गाड़ी का मालिक बनने को कहा। मैंने उपायुक्तों से कहा कि वह महिलाओं को स्वरोजगार और आर्थिक स्वाबलंबन के लिए प्रोत्साहित करें।