सरगुजा:
छत्तीसगढ़ के सरजुजा जिले में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। यहां जो हुआ, उसने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी। दरअसल, जिले का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है जिसमें एक पिता अपनी बच्ची के शव को अपने कंधे पर ढोकर ले जाता दिख रहा है। हालांकि, प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने घटना के जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि स्वास्थ्य अधिकारी को शव वाहन का इंतजाम करना चाहिए था।
सरगुजा जिले के लखनपुर ब्लॉक का मामला
घटना के संबंध में अलग-अलग स्त्रोतों से मिली जानकारी के मुताबिक सरगुजा जिला अंतर्गत लखनपुर ब्लॉक के अमदला गांव में 7 वर्षीय सुरेखा को बुखार और पेट दर्द की शिकायत के बाद स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था। कहा जाता है कि भर्ती करवाने के कुछ ही देर बात बच्ची की मौत हो गई। पिता का आरोप है कि उनकी बच्ची को डॉक्टरों ने 2 इंजेक्शन लगाया, जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई। बच्ची को बचाया नहीं जा सका।
बुखार और पेट दर्द की शिकायत बच्ची को थी
घटना को लेकर अपना पक्ष रखते हुए पिता ने बताया कि उनकी बच्ची को 2 दिन से बुखार था। शुक्रवार की देर रात तकरीबन 12 बजे उसने पेट दर्द की शिकायत की। शनिवार को सुबह 7 बजे उसे लखनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया। डॉक्टरों ने कहा था कि चिंता की बात नहीं है। बच्ची को ऑक्सीजन दिया गया। बच्ची को पहले एक इंजेक्शन लगाया गया। पिता का कहना है कि उन्होंने स्टाफ को बताया कि बच्ची ने कुछ खाया नहीं है।
इसी बीच बच्ची ने दूध मांगा।
तत्काल दूध की व्यवस्था नहीं हो सकी। बच्ची ने पेट दर्द की शिकायत की तो डॉक्टरों ने एक और इंजेक्शन लगाया। पिता का आरोप है कि दूसरा इंजेक्शन लगाते हुए बच्ची की नांक से खून निकलने लगा और उसने दम तोड़ दिया।
लखनपुर के बीएमओ ने क्या सफाई दी है
इधर लखनपुर के बीएमओ प्रेम सिंह मार्कों ने कहा कि बच्ची को बीते 10 से 15 दिनों से बुखार आ रहा था। उसे काफी क्रिटिकल कंडीशन में हॉस्पिटल लाया गया। बच्ची का ऑक्सीजन लेवल 60 तक आ गया था। सामान्य हालत में किसी व्यक्ति का ऑक्सीजन लेवल 94 के ऊपर होना चाहिए। बच्ची की हालत खराब थी। हमने पूरी कोशिश की लेकिन नहीं बचाया जा सका। हालांकि, उन्होंने ये माना कि उदयपुर और लखनपुर ब्लॉक में एक भी शव वाहन नहीं है।