द फॉलोअप डेस्कः
सरकार की तरफ से की जा रही लाख कोशिशों के बाद भी दहेज प्रथा थमने का नाम नहीं ले रही है। लेकन अब आपने दहेज लेने का मन बनाया तो कुछ एक सेक्टर में आपको नौकीर से हाथ धोना पड़ सकता है। जी हां। दहेज लेने वाले को राज्य के नगर निकायों में अनुकंपा पर नौकरी नहीं मिलेगी। नगर विकास विभाग ने कुछ नियमों में बदलाव किया है। बदलाव के मुताबिक निकायों में कर्मी की पत्नी या पति, बेटा या विधवा बहू, विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता पुत्री, मृत्यु के समय पिता पर आश्रित शादीशुदा बेटी, गोद लिया बेटा, गोद ली हुई अविवाहित बेटी और अविवाहित नगरपालिका कर्मी के मामले में 50 वर्ष से कम उम्र के माता या पिता को अनुकंपा पर बहाल किया जा सकेगा। दहेज नहीं लेने की बाध्यता समेत कई अन्य शर्तें भी रखी गयी है।
ये शर्त भी रखी गई है
जिसमें कहा गया है पागल, दिवालिया घोषित व संज्ञेय अपराध करनेवालों की बहाली नहीं की जायेगी। अनुकंपा पर नियुक्ति के लिए शैक्षणिक योग्यता, जाति प्रमाण पत्र आदि देना होगा। जिले में उपायुक्त की अध्यक्षता वाली अनुकंपा समिति की अनुशंसा पर नियुक्तियां की जायेगी। किसी नगर पालिका कर्मी के सात वर्ष से अधिक समय तक गायब रहने पर उसे सिविल डेथ घोषित करते हुए आश्रित को अनुकंपा पर नियुक्त किया जा सकेगा।
पहले कार्मिक विभाग के नियमावली पर होती
बता दें पहले कार्मिक विभाग के द्वारा बनाये नियमावली पर अनुकंपा पर नियुक्ति होती थी। लेकिन कुछ वर्ष पहले कार्मिक विभाग ने अनुकंपा पर नौकरी देने से संबंधित आदेश को हटा दिया था। जिसकी वजह से नगर निकार्यों, बोर्ड, निगम इत्यादि में अनुकंपा पर होनेवाली नियुक्तियां फंस गयी थी। निकार्यों द्वारा नगर विकास विभाग से मार्गदर्शन मांगने पर इससे संबंधित संकल्प जारी कर दिया गया है।
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