द फॉलोअप डेस्क, रांची
जमशेदपुर के विनय कुमार सिंह ने मुझपर मंत्री रहते किये गये भ्रष्टाचार की जाँच करने के लिये एक पीआईएल झारखंड हाईकोर्ट में दायर किया था। कोर्ट ने आज इसकी सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश के कोर्ट ने याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार नहीं किया, इसे निष्पादित कर दिया। प्रार्थी को इसे उचित फ़ोरम पर उठाने के लिए कहा। कोर्ट के निर्णय की व्याख्या सरकार के वकील और प्रार्थी के वकील अलग-अलग कर रहे हैं। सरकार के वकील का कहना है कि कोर्ट ने याचिका को वापस लिया मानकर निष्पादित कर दिया। प्रार्थी के वकील कह रहे हैं कि कोर्ट ने भ्रष्टाचार मानकर मेरे उपर एफआईआर करने का निर्देश दिया है और याचिका निष्पादित कर दिया है। दोनों के वक्तव्य टीवी चैनलों पर आ रहे हैं।
लिखित निर्णय आने का कर रहा हूँ इंतज़ार
लिखित निर्णय से पता चलेगा कि सरकार के वकील का कहना सही है कि प्रार्थी के वकील का। पर इतना तो सही है कि कोर्ट ने याचिका का निष्पादन कर दिया। इसकी सुनवाई कोर्ट अब नहीं करेगा। प्रार्थी ने याचिका में कोर्ट से जो माँग की होगी कोर्ट ने उस पर आगे सुनवाई करना मंज़ूर नहीं किया। यानी प्रार्थी की याचिका ख़ारिज हो गई। यदि कोर्ट ने मेरे उपर एफआईआर करने का निर्देश दिया होगा, जैसा कि प्रार्थी के वकील टीवी चैनल पर कह रहे हैं तब तो कोई बात नहीं। पर यदि यह बात झूठ निकली तो मैं प्रार्थी के वकील के विरूद्ध मिथ्या भाषण करने और लोगों को गुमराह करने के लिये राज्य बार काउंसिल में शिकायत दर्ज करूँगा।