द फॉलोअप डेस्कः
राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक आदित्य रंजन ने प्रोजेक्ट इंपैक्ट की समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य के सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए लागू किए गए प्रोजेक्ट इंपैक्ट के आकलन पत्र भरने में लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई होगी। साथ ही वेतन भी रोका जाएगा। शिक्षकों को 28 मार्च की शाम 5 बजे तक प्रोजेक्ट इंपैक्ट का आकलन शीट भरकर जमा करने का निर्देश दिया गया है। निदेशक ने कहा है कि प्रोजेक्ट इंपैक्ट की असेसमेंट शीट को केवल भरना नहीं है। उसमें दिए गए मानकों के आधार पर स्कूलों में वातावरण विकसित हो, यह भी सुनिश्चित करना है। स्कूलों में केवल पढ़ाई नहीं, पाठ्येतर गतिविधियां भी जरूरी है।
5 स्कूलों को सम्मानित किया जाएगा
मई महीने से राज्य के सभी स्कूलों का राज्यस्तरीय टीम द्वारा औचक निरिक्षण किया जाएगा। आकलन शीट में बेहतर प्रदर्शन करने वाले टॉप 5 स्कूलों को सम्मानित किया जाएगा व लास्ट फाइव परफार्म करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आदित्य रंजन ने कहा कि शिक्षक और प्रधानाध्यापक आपसी समन्वय स्थापित करते हुए जिम्मेदारीपूर्वक प्रोजेक्ट इंपैक्ट को लागू कराएं। जिम्मेदारी रजिस्टर को शुरू कर अपने अपने कार्यों को बराबर बांटे। प्रतिदिन के हिसाब से जिम्मेदारी तय करें।
हाउस का नाम भौगोलिक विशेषताओं पर रखें
आदित्य रंजन ने कहा कि हाउस का नाम राज्य और जिले की भौगोलिक विशेषताओं (ज्योग्राफिकल फीचर) के आधार पर रखें। हाउस का नाम निर्धारित करते समय उस जिले के प्रमुख स्थलों, नदियों, पर्यटन केंद्रों का नाम शामिल करें। एक जिम्मेदार शिक्षक को हाउस प्रमुख बनाया जाए। एक हाउस एक सप्ताह तक पूरे प्रातःकालीन सभाओं की जिम्मेदारी लेगा। हाउस का उद्देश्य बच्चों में जिम्मेदारी की भावना उत्पन्न करना है ताकि उनमें नेतृत्व क्षमता का विकास हो। शिक्षक टोला टैगिंग लगातार करते रहे। बैठक में आदित्य रंजन ने कहा कि कक्षाओं में आउटपास सिस्टम लागू करें। एक छात्र दूसरे छात्र के कक्षा में आने के बाद ही बाहर जा सकेगा। स्कूलों में प्रतिदिन चेतना सत्र अनिवार्य है।
क्या है प्रोजेक्ट इंपैक्ट
बता दें कि झारखंड के सरकारी स्कूलों में प्रोजेक्ट इंपैक्ट के तहत पहली से 12वीं कक्षा तक के लिए 35 गतिविधियां हैं। इसके तहत हर स्कूल पहुंचने वाले पहले 10 बच्चों का तिलक लगाकर व फूलों की माला पहनाकर शिक्षक उनका स्वागत करेंगे। पहले आने वाले बच्चों के स्वागत से उनमें पहले आने की लालसा जगेगी और शिक्षकों के प्रति प्रेम व सम्मान भी बढ़ेगा। प्रार्थना सभा में बच्चे खुद कतार से खड़े होंगे और इससे उनमें अनुशासन आएगा। स्कूलों में हाउस कैप्टन अपना-अपना झंडा लगाएंगे और अपने ग्रुप के साथियों को एकजुट रखेंगे। इससे एक हाउस की दूसरे हाउस से प्रतिस्पर्द्धा होगी। प्रार्थना सभा के लिए प्रधानाध्यापक व शिक्षकों को बुलाएंगे। ऐसे में उनमें नेतृत्व क्षमता का विकास होगा। प्रार्थना सभा में बच्चे समाचार पत्र से न्यूज पढ़ेंगे। इससे वे देश-विदेश की घटनाओं से अवगत हो सकेंगे और यह उनकी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में सहायक होगा। जीके के प्रश्न पूछे जाएंगे, जिससे उनमें क्विज की भावना जगेगी। इसके अलावा, स्कूलों में हर दिन आज के विचार, प्रस्तावना व छात्र प्रतिज्ञा, प्रार्थना सभा में सप्ताह में एक दिन योग व व्यायाम कराया जाएगा। सप्ताह में एक दिन पूरे स्कूल की साफ-सफाई, बच्चों के कपड़े, नाखुन की जांच की जाएगी। क्लास रूम की नियमित साफ सफाई, बच्चों का जन्मदिन मनाने की कार्यवाही की जाएगी। हर दिन जिस बेंच पर बच्चे बैठते हैं, उनकी जगह और साथी बदलने का भी काम किया जाएगा। स्कूलों में हर दिन एक स्मार्ट क्लास आयोजित की जाएगी। हर दो महीने में क्लास मॉनिटर बदला जाएगा। इसके अलावा स्कूलों में स्पोर्ट्स-डे मनाया जाएगा। टोला टैगिंग होगा। करियर गाईडलाइन सत्र का भी आयोजन होगा।