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प्रदर्शन : धनबाद से बोकारो तक बनेगी मानव श्रृंखला, भोजपुरी और मगही भाषा पर क्यों मचा बवाल! 

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रांची: 

पंचायत सचिव और जेपीएससी अभ्यर्थियों का आंदोलन बदस्तूर जारी है। इस फेहरिश्त में एक और आंदोलन जुड़ने जा रहा है। रविवार को धनबाद के मोहदा मोड़ से बोकारो के नागन मोड़ तक मानव श्रृंखला बनाई जाएगी। दावा है कि इसमें तकरीबन 40 हजार लोग शामिल होंगे। आपके मन में सवाल होगा कि, ये मानव श्रृंखला किस सिलसिले में बनाई जा रही है। आंदोलन की वजह क्या है। लोगों की मांग क्या है। इसमें कौन-कौन लोग शामिल होने वाले हैं। चलिए सबकुछ बताते हैं। 

दिसंबर 2021 में कार्मिक विभाग की नियमावली
बता दूं कि दिसंबर 2021 में कार्मिक विभाग ने संसोधित नियमावली का गठन किया। इसमें जिलास्तरीय पदों के लिए बतौर स्थानीय भाषा भोजपुरी, मगही और अंगिका को शामिल किया गया। ये मैट्रिक और इंटर स्तर पर ली जाने वाली प्रतियोगिता परीक्षा के लिए किया गया प्रावधान है। धनबाद और बोकारो, 2 ऐसे जिले हैं जहां भोजपुरी और मगही को शामिल किया गया है। विरोध इसी बात को लेकर है। इन जिलों के अभ्यर्थियों का आरोप है कि उन पर भोजपुरी और मगही को जबरन थोपा जा रहा है।

अभ्यर्थियों ने द फॉलोअप को क्या-क्या बताया
हमने इस सिलसिले में कुछ अभ्यर्थियों से बातचीत भी की। उनका कहना है कि धनबाद और बोकारो की सीमा बिहार से सैकड़ों किमी दूर है। इन जिलों में भोजपुरी और मगही बोलने वाले लोग 2 फीसदी से भी कम हैं। बावजूद इसके महज सियासत के लिए भोजपुरी और मगही को शामिल किया गया। गौरतलब है कि बोकारो और धनबाद में पहले से स्थानीय भाषा के रूप में बांग्ला, नागपुरी, खोरठा और कुरमाली मौजूद है। 

भोजपुरी और मगही को हटाने की हो रही मांग
अभ्यर्थियों की मांग है कि स्थानीय भाषा की सूची से भोजपुरी और मगही को हटा दिया जाये। उन पर जबरन ये भाषा ना थोपी जाये। सवाल है कि क्या उन्होंने सरकार या जनप्रतिनिधि के सामने ये बात रखी। आंदोलन की जरूरत क्यों पड़ी। इस पर अभ्यर्थियों का कहना है कि हाल ही में शिक्षा मंत्री जगरन्नाथ महतो चंद्रपुरा आये थे। वहां शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया था कि उन्होंने सीएम को चिट्ठी लिखी है। व्यक्तिगत रूप से सीएम के सामने इस बात को रखेंगे। 


चंद्रप्रकाश चौधरी ने भी आश्वासन दिया था कि उनकी चिंता सरकार के सामने रखी जायेगी लेकिन कुछ नहीं हुआ। ऐसे में मजबूरन उनको आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ा। रविवार को सुबह साढ़े 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक धनबाद के मोहदा मोड़ से बोकारो के नागन मोड़ तक मानव श्रृंखला बनाई जाएगी। बड़ी संख्या में लोग इसमें शामिल होंगे। 

जिलास्तरीय पदों पर स्थानीय भाषा को लेकर विवाद
अंत में आपको बता दें कि कार्मिक विभाग ने मैट्रिक औऱ इंटर स्तर पर जिलास्तरीय पदों के लिए जो संसोधित नियमावली बनाई थी, उसमें अलग-अलग जिलों में भोजपुरी, मगही और अंगिका को शामिल किया गया है। लातेहार और चतरा में मगही भाषा जोड़ी गई है। पलामू, गढ़वा, धनबाद और बोकारो में भोजपुरी तथा मगही को जोड़ा गया है। दुमका, जामताड़ा, साहिबगंज, पाकुड़ और गोड्डा में अंगिका को शामिल किया गया है। धनबाद और बोकारो में विशेष रूप से भोजपुरी और मगही को शामिल किए जाने का विरोध किया जा रहा है। इसे वापस लेने की मांग की जा रही है।