द फॉलोअप डेस्क
देवघर के उपायुक्त रहते मंजूनाथ भजंत्री को पद से हटाने के चुनाव आयोग (ECI) के आदेश खिलाफ दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार की बेंच ने इस मामले में चुनाव आयोग को तीन सप्ताह में शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई 20 सितंबर करेगा।
सोमवार को हाई कोर्ट में चुनाव आयोग की ओर से अधिवक्ता एके सिंह और शिवम कुमार ने पक्ष रखा। राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता मनोज कुमार ने पक्ष रखा। मंजूनाथ भजंत्री ने याचिका में कहा है कि चुनाव आयोग ने उन्हें पद से हटाने का आदेश राज्य के मुख्य सचिव को भेजा है, जबकि किसी भी अधिकारी की पदस्थापन और तबादले का अधिकार राज्य सरकार के पास है। चुनाव आयोग को सरकार के किसी अधिकारी को ऐसा आदेश देने का अधिकार नहीं है।
दरअसल, चुनाव आयोग ने छह दिसंबर, 2021 को झारखंड के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर मंजूनाथ को पद से हटाने और उन्हें चुनावी कार्य में नहीं लगाने का आदेश दिया था। मुख्य सचिव को मंजूनाथ के खिलाफ आरोप पत्र गठित करते हुए कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया गया था।
इसके अलवा चुनाव आयोग ने अपने उस पत्र में सांसद के खिलाफ छह माह विलंब से आदर्श आचार संहिता का मामला दर्ज करने पर जवाब मांगा था। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर चुनाव आयोग ने मुख्य सचिव को मंजूनाथ को देवघर के उपायुक्त के पद से हटाने का आदेश दिया था। चुनाव आयोग के इसी आदेश को मंजूनाथ भजंत्री ने झारखंड हाई कोर्ट में चुनौती दी है।
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