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उलगुलान न्याय महारैली : हेमंत सोरेन ने जेल से भेजी चिट्ठी, कल्पना सोरेन ने प्रभात तारा मैदान में पढ़ी

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द फॉलोअप डेस्क
कल्पना सोरेन मुर्मू ने प्रभात तारा मैदान में जेल से पति हेमंत द्वारा भेजे गए चिट्ठी को पढ़ा। कल्पना ने कहा मैं आज आप सबके सामने हेमंत सोरेन जी का पत्र लेकर आई हूं। जो उन्होंने जेल से भेजा है। हेमंत सोरेन ने जेल से झारखंड वासियों के लिए संदेश भेजा है। उलगुलान की धरती झारखंड में आयोजित उलगुलाल न्याय महारैली में पूरे झारखंड के विभिन्न गांव, पंचायत,टोले से आए हुए बड़े बुजुर्ग,माताएं,बच्चे,बहानों और मेरे साथियों और मेरे पूरे देश से आए हुए इंडिया महापरिवार के नेतागणों को धरती आबा बिरसा मुंडा,सिद्धू कान्हू जैसे अनेक शहीदों के इस पावन धरती पर मैं बरसा कारा से आप सभी का हार्दिक अभिनंदन करता हूं। आज इस महारैली में मौजूद राज्य निर्माता ढिशोम गुरु शिबू सोरेन जी को चरण स्पर्श करता हूं।

चुनाव से पहले विपक्षी नेताओं को चुन चुनकर जेल में डाल रही बीजेपी की सरकार

साथियों आज झारखंड उलगुलान रैली में आपके साथ नहीं हूं।  विगत चार सालों से विपक्ष मेरे खिलाफ षड्यंत्र रच-रचकर आखिरकार एक बेबुनियाद आरोप में करीब ढाई महीने से मुझे बिरसा जेल में बंद कर रखा है। इसी तरह आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी उनके सहयोगियों के साथ दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद कर रखा है। यह आजादी के बाद पहली बार हुआ है जब किसी पार्टी के शीर्ष नेता और मुख्यमंत्री और मंत्रियों को चुनकर चुनाव के ठीक पहले संयोजित तरीके से बेमुनियाद और आरोपी से जेल में डाला गया है। खैर, कोई बात नहीं मुझे आज जेल में रहते हुए भी खुशी हो रही है कि जिस लोकतंत्र की रक्षा हक अधिकार की लड़ाई के लिए हम लड़ रहे हैं। उसे केवल हम ही नहीं बल्कि विभिन्न राज्य के नेता आगे बढ़ा रहे हैं। आज उलगुलान महारैली में आए सभी नेता इसके ग्वाह है कि आज इस उलगुलान के मंच पर आदरणीय मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, फारूक अब्दुल्ला, भगवंत मान, सुनीता केजरीवाल, दीपांकर भट्टाचार्य, संजय सिंह, प्रियंका चतुर्वेदी, तेजस्वी यादव और विवेक गुप्ता का अभिवादन करता हूं। साथियों, आज का यह झारखंड उलगुलान महारैली से झारखंडी भाईयों के नाम से कई बातों का पता चल रहा होगा। उलगुलान का मतलब ही है- अब और नहीं चलेगी ठगों की सरकार। लोकतंत्र लूटने नहीं देंगे, संविधान खत्म होने नहीं देंगे,देश टूटने नहीं देंगे। 

 आज देश एक विषम परिस्थिति से गुजर रहा है

2024 का लोकसभा चुनाव चल रहा है। एक तरफ हम सब इंडिया महागठबंधन के लोग हैं दूसरी तरफ पूंजीपतियों की जमात और षड्यंत्रकारी केंद्र सरकार एनडीए के लोग हैं। आज देश एक विषम परिस्थिति से गुजर रहा है। विगत 2014 से केंद्र में बीजेपी इंडिया की सरकार चल रही है और दो बार देश की जनता ने एनडीए को सरकार बनाने का मौका दिया है। भले ही देश की सरकार का जनाधार देश के लोगों ने एनडीए को दे दिया। लेकिन पूरे देश के राज्यों का जनाधार बीजेपी को नहीं दिया। परंतु 2014 में एनडीए सरकार बनते ही पूरे देश के राज्यों में अपना कब्जा चाहते हैं। आपने सुना ही होगा विभिन्न सूचना तंत्र के माध्यम से की गैर बीजेपी राज्यों में किस तरह का सौतेला व्यवहार किया जा रहा है सरकार गिराई जा रही है तो कही MP-MLA के खरीद फरोख्त चल रहा है। अगर के भाजपा के साथ नहीं आते हैं तो इसका उदाहरण है कि आज हमें जेल से आप तक पत्रों के माध्यम से संदेश भेजना पड़ रहा है। यह देश हमें भीख में नहीं मिली है, इस देश को पाने के लिए हमने अनगिनत शहादत दी है। कई इतिहास के किताब हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के कहानियों से पटे पड़े हैं। विगत कई साल से षड्यंत्रकारी एनडीए की सरकार ने 2014 को देश के लोगों को बड़ी चतुराई से सपने दिखाए, आंखों में धूल झोंक दिए,हर जाति धर्म के लोगों को मूर्ख बनाया गया। देश के युवाओं, महिलाओं और आदिवासियों को ठगा गया। विपक्ष की आवाज को कुचलने का काम किया जा रहा है। इस देश के लोकतंत्र को आज खतरा है। हम अपना हक मांगते है तो हमें जेल में डाल दिया जाता है। 

झारखंड के प्राकृतिक संसाधनों से पूरा देश चलता है

 इस चुनाव में बड़े पैमाने पर केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। झारखंड देश का सबसे गरीब राज्य है। यहां के लोग गरीब हैं पर झारखंड गरीब नहीं है। हमारे प्राकृतिक संसाधनों से पूरा देश चलता है। इसके बदले में हमें क्या मिलता है, पलायन, विस्थापन, भुखमरी, बीमारी। हम अपना हक मांगते हैं तो हमें जेल में डाल दिया जाता है। सरकार के करतूत के बारे में अगर बात की जाए तो रात और दिन कम पड़ जाएगा। आपके सामने देश के कई अनुभवी नेता गण मौजूद है। जो आपको कई सारी बातें बताएंगे। किस तरीके से पूरे देश को केंद्र सरकार ने ठगा है। लूट है। 

झारखंड आदिवासी बहुल राज्य है

हम जानते हैं कि झारखंड आदिवासी बहुल राज्य है आप सभी को याद होगा अगर नहीं तो मैं याद दिलाता हूं। राज्य अलग होने के बाद राज्य के विधानसभा सीटों की संख्या पर बढ़ाने के लिए राज्य में परिसीमन का प्रस्ताव बढ़ गया था। जिसमें बड़ी संख्या में आदिवासी आरक्षित सीटों की संख्या घटने की बात कही जा रही थी तो उसे समय हमारे दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी के नेतृत्व में राज्य में सदन से लेकर सड़क तक विरोध किया गया था और इस विरोध के फलस्वरूप आज हमारे राज्य में परिसीमन लागू नहीं हो पाई। जब यह चर्चा चली उसे समय केंद्र में भाजपा की सरकार थी, 2026 तक के लिए इसको रोक दिया गया। यह विषय वर्तमान लोकसभा चुनाव के बाद फिर से राज्य के सामने आने वाला है जैसे कि मैं पहले भी बताया है केंद्र सरकार जिस तरीके से नए-नए कानून बना रही है, उनका कानून सबसे अधिक प्रभावित आदिवासी क्षेत्र और आदिवासी समुदाय को होने जा रहा है। झारखंडी सदियों से जल, जंगल, जमीन के लिए लड़ाई लड़ता रहा है। जल, जंगल ,जमीन के लिए हमारे अनेक पूर्वज अपनी शहादत दी है।

 

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