द फॉलोअप डेस्कः
आज गिरिडीह के गांडेय में आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लोगों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि ये सरकार व्यापारियों की सरकार नहीं है। ये सरकार झारखंडियों की मूलवासियों की सरकार है। क्योंकि ये सरकार रांची से नहीं बल्कि गांव से चलती है। सरकार बनने के बाद कई चुनौतियों से लड़ने के बाद भी हमने लगातार यहां के मूलवासी, यहां के आदिवासी, दलित पिछड़ा, अल्पसंख्यक सभी के लिए हमलोग काम करते हैं। चाहे वह किसान हो, छात्र हो, महिला हो पुरुष हो। ऐसा काम करते हैं कि जहां आपको जगह-जगह धक्का खाना पड़ता था दलालों का चक्कर लगाना पड़ता था सब हम बंद कर दिए। पहले पेंशन के लिए बूढ़ा-बुजुर्ग को कितना चक्कर लगाना चाहता था। वो चक्कर इसलिए लगाना पड़ता था क्योंकि हमारे विरोधी लोगों ने ऐसा कानून बना दिया था कि गांव में अगर 50 लोग है तो मात्र 5 लोगों को पेंशन कार्ड बनेगा। हमने ऐसा कानून बना दिया कि इस राज्य में जो भी बूढ़ा बुजुर्ग होगा सबको पेंशन मिलेगा। आज स्थिति ये है कि आप ढिबरी लगाकर भी खोजेंगे तो एक भी बूढ़ा-बुजुर्ग नहीं मिलेगा जिसको पेंशन नहीं मिलता है।
मंईयां सम्मान योजना के लिए नहीं लगाने पड़े चक्कर
मंईया सम्मान योजना को ही देख लीजिए। इस योजना का लाभ लेने के लिए आपको किसी दलाल के पास नहीं जाना पड़ा। बल्कि आपके पंचायत आपके गांव में आवेदन लेकर आपके खाते में पैसा भेजा गया। नहीं तो एक हजार हो या एक रुपया हो कितनी दिक्कतें गरीबों को होती थी। आज गांव में पंचायत में, टोला में ऐसे शिविर लगकर आपकी समस्या का समाधान हो रहा है। किसानों का ऋण माफी हो रहा है। गरीबों का बिजली मााफ हो रहा है। बच्चों को पढ़ने लिखने के लिए अच्छे स्कूल बन रहे हैं। अगर हम योजनाओं के अंदर जाएंगे तो बहुत समय लग जाएगा उसको बताने में। हमारे कार्यकर्ता आपको सब बताते रहते हैं। हम तो देखने आते हैं कि सरकारी मुलाजिम आपके लिए काम करता है कि नहीं। क्योंकि हम अपने सरकारी मुलाजिम के लिए बहुत काम कर रहे हैं। हमारी आंगनाबाड़ी सेविका, सहायिका, रसोईया, सहायक पुलिस सबको कुछ ना कुछ मिला है। कई ऐसे निर्णय हमने लिया है जो भारत देश में पहली बार हुआ है। हमारे कामों को देखकर दूसरे राज्य भी प्रेरित हो रहे हैं। मैं आपलोगों को बीच आपका जो अधिकार है उसका गठरी बनाकर आपके बीच भेजने का काम कर रहा हूं।
चुनाव आने वाला है, भाजपा जहर घोलने का काम करेगीः हेमंत सोरेन
सीएम ने आगे कहा कि अभी 2-4 महीने के बाद चुनाव होने का घंटी बजने वाली है। इसलिए आजकल पूरे राज्य में राजनीतिक गिद्ध मंडराने लगा है। कोई असाम से आ रहा है, कोई छत्तीसगढ़ से आ रहा है। अभी छोटा-छोटा गिद्ध सब आ रहा है कुछ दिन बाद से बड़ा-बड़ा गिद्ध सब नजर आएगा। और आपके बीच में छोटा का खाना परोसेगा, झूठ का आश्वासन देगा। और आपको दिग्भ्रमित करेगा। कोई जात के नाम पर, कोई धर्म के नाम पर, कोई अगड़ा पिछड़ा के नाम पर। ये लोग आपको दिग्भ्रमित करेगा, चुनाव में वोट मांगेगा। इसलिए आपलोग सावाधान रहिएगा। ये चार साल इनलोगों में मुझे इतना परेशान किया। एक तो कोरोना ने 2 साल परेशान किया और उसके बाद 2 साल हमरे विरोधियों ने कोई कसर नहीं छोड़ा। जेल तक डाल दिया हमको। लेकिन ये आशीर्वाद आपलोगों का है। यहां के आदिवासी-मूलवासी का है जो ज्यादा दिन तक ये लोग हमको जेल में रख नहीं पाए। आपके लिए हम निरंतर काम कर रहे हैं
विपक्ष बोलती है काम नहीं हो रहा
कोरोना में हम अपने भाईयों को घर-घर तक पहुंचाने का काम किये। हमारे दो-दो मंत्री इस दुनिया से चले गये। हमारा विपक्ष बोलता है कि कोई काम नहीं हो रहा है। यहां की महिलाओं से, बुजुर्ग से जाकर पूछिए कि आज जो इनके चेहरे पर मुस्कान है वो क्यों है। आपलोगों ने तो महंगाई आसमान पर पहुंचा दिया। आज इस महंगाई में में योजनााओं का लाभ हम दे रहे हैं। अभी हमलोगों ने 20 से 25 दिन में 50 लाख महिलाओं को सम्मान राशि देने का काम किया है। आने वाले 5 सालों में हम हर घर में 1-1 लाख देने का काम करेंगे।
गैस सिलेंडर का दाम बढ़ा दिया
हमलोग अपना हक अधिकार मांगते हैं तो लाठी-पुलिस-जेल यही करने का काम करता है। राज्य का बकाया देने में इनका पसीना छूटता है। गरीबों को पेंशन देने का पैसा इनके पास नहीं है लेकिन इनके व्यापारी साथियों का करोड़ो करोड़ रुपया माफ करने के लिए पैसा है। चंद लोगों के मुट्ठी में इस देश की अर्थव्यवस्था सिमट कर रह गई है। आज महंगाई आसमान पर है। इनलोगों ने मुफ्त का सिलेंडर बांटा बाद में 1200 का सिलेंडर उसके सामने लाकर पटक दिया। आज उस सिलेंडर का क्या हालत है जाकर गांव में देखो।
अब एकड़ों में मिलता है वन पट्टा
जब हमलोग सरकार बनाए तो 1 डिसमील 2 डिसमील का वन पट्टा बनता था। हमने बोला कि अब इस राज्य में डिसमील पर पट्टा नहीं बनेगा। बनेगा तो एकड़ों में बनेगा। उसी का नतीजा है कि हमलोगों ने कल ही चाईबासा में हजार एकड़ वन पट्टा बांटने का काम किया। अब आप उस जमीन पर फलदार वृक्ष लगाइए। जब तक उसमें पेड़ रहेगा तब तक वो जमीन आपका। ये धऱती वीरों की धरती है। झारखंडियों को डराने वाले अंग्रेज भी यहां आए और वो भी भागे हैं। यहां तो व्यापारी लोग आते हैं और व्यापारी को लोग कैसे झारखंडी लोग भगाएगा ये चुनाव में पता चल जाएगा। कई ऐसे राज्य हैं जहां सरकार के पास इतने पैसे नहीं है जितना भाजपा के पास है। पंचायत में जिला में इनका पूरे देश में ताजमहल जैसा ऑफिस बन रहा है। और पैसे के बदौलत देश के आदिवासी-दलित को बेवकूफ बना रहा है। यहां घुसपैठिया का बात करता है, लव जिहाद का बात करता है, लैंड जिहाद का बात करता है। तरह तरह का चीज बोलता है। बोलता है आदिवासी की संख्या घट रही है। हम बोलते हैं कि आदिवासी को सरना धर्म कोड क्यों नहीं दिया। हमारा पहचान ही नहीं है तो हमारा गायब होना स्वाभाविक है। झारखंड विधानसभा से हमने आदिवासियों के लिए धर्म कोड बनाकर केंद्र सरकार को भेजा। वहां कुंडली मारकर बैठा है। देश में लैटरल इंट्री के नाम से आदिवासी दलित की जगह पर बैकडोर से लोगों घुसाने की तैयारी हो रही है। झारखंड के पिछड़ों के अधिकार की बात करे तो हमारे राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जी ने जो इस राज्य का 27 प्रतिशत का आरक्षण मिलता था उसको काटकर 14 प्रतिशत कर दिया।
हम कानून बनाते हैं तो असंवैधानिक बता देते हैं भाजपा के लोग
हमलोग जब यहां उनके प्रतिशत बढ़ाने का कानून बनाकर भेजते हैं तो ये लोग असंवैधानिक बताकर रोक देता है। कभी गर्वनर रोक देता है तो कभी दिल्ली सरकार। हम कुछ काम करे तो असंवैधानिक हो जाता है वो कुछ करे तो संवैधानिक। 1932 के आधार पर खतियानि कानून बनाते हैं तो भाजपा के लोग कोर्ट चले जाते हैं। अभी मंईया योजना हम लोगों को दे रहे हैं तो इनको पेट में दर्द हुआ और कोर्ट चले गये। भाजपा के लोगों के कहना और करने में बहुत फर्क है। आज महिलाओं को सम्मान देने से रोकने के लिए ये कानून का सहारा ले रहे हैं। क्योंकि इनके पास में बड़े-बड़े वकील है, बड़े बड़े जज है जो इस्तीफा देकर भाजपा के लिए चुनाव लड़ रहे हैं।।