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बिजली बिल का पुराना बकाया माफ करने का सीएम हेमंत ने दुमका से किया ऐलान

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द फॉलोअप डेस्कः
आज सीएम हेमंत दुमका में महिलाओं को मईयां सम्मान योजना की राशि वितरीत करने गये थे। इस दौरान उन्होंने जमकर केंद्र की भाजपा सरकार और राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार बनाए 2019 में कि कोरोना जैसा महामारी आ गया। कोरोना को आपलोगों ने देखा कि कितना बड़ा अभिशाप के जैसा था। दो साल उसी उथल पुथल में रह गये। लाखों मजदूर दूसरे राज्यों में फंस गया। ऐसा लॉकडाउन हुआ कि यहां आने की स्थिति में नहीं था। वहां से मालिक लोग भी धक्का मारकर भेज रहा था। उस समय आपके इसी बेटे, इसी भाई ने आपके अपनों को आपतक सुरक्षित पहुंचाया। महिला दीदियों ने सरकार का साथ दिया। वो दिन याद कीजिए कि गांव गांव पंचायत-पंचायत में हमारी महिला दीदी खाना बनाकर मुफ्त में खिला रही थी। इसलिए हमने संकल्प लिया कि इस राज्य की आधी आबादी को हम अपने पैरों पर खड़ा करेंगे। और इस जंग में साथ-साथ चलने वालों को हमने प्राथमिकता में लिया। इस कोरोना के लड़ाई में हमारे दो-दो मंत्री चले गये। हाजी हुसैन अंसारी साहब दूसरे मंत्री हमारे जगरनाथ महतो जी ने कोरोना में हमारा साथ दिया। आज जो महिलाओं को सम्मान मिल रहा है उन्हीं जगरनाथ महतो जी कि पत्नी  बेबी देवी जो हमारे मंच में है उन्हीं के विभाग से मिल रहा है। हमलोगों ने दिन रात एक कर के इस योजना को धरातल पर उतारा। आज मंईयां सम्मान योजना से 50 लाख महिला जुड़ गई है जिनको सरकार अब 1-1 हजार रुपया महीना और साल का 12 हजार देगी। हमने संकल्प लिया है कि इस चुनाव के बाद हर घर में 1-1 लाख पहुंचायेंगे।
विपक्ष का लोग बोलता है क्या मिला। हम जानना चाहते हैं कि यह योजना आपको अच्छा लगा कि नहीं। आपको योजना मिला की नहीं। आपलोग अपने पैरों पर मजबूती से खड़ा रहे हम यही चाहते हैं। हमारा यह मानना है कि हमारा गांव मजबूत होगा तभी राज्य मजबूत हो सकता है। इसलिए किसानों का ऋण माफी की बात, किसानों के बीच कई योजना लाने की बात, तरह तरह की योजना हम लेकर आ रहे हैं। आज मौसम उल्टा-पुल्टा हो गया है। इसलिए वैकेल्पिक खेती की ओर किसान आगे बढ़े इसलिए हम बिरसा हरित ग्राम योजना, दीदी बाड़ी योजना लेकर आए हैं।

उन्होंने आगे कहा कि आपको यह बताना चाहेंगे कि लगभग एक लाख लाभुक और डेढ़ लाख एकड़ जमीन में हमलोगों ने बिरसा हरित ग्राम योजना के माध्यम से फलदार पेड़ लगाए हैं। जिससे आमदनी भी होता है। पशुधन के माध्यम से जानवरों को पालने की कड़ी हमने फिर से जोड़ी है। डबल इंजन की सरकार में जानवर दो महीना-चार महीना में मर जाता था। लेकिन इस बार हमने कानून बनाया है कि जो भी किसान जानवर खरीदेगा उसका जानवर मर गया तो उसका पूरा पैसा हम किसान को वापस कर देंगे। हमारे विपक्ष के लोग विज्ञापन छपवाते है। ये लोग झूठा प्रचार करता है कि चार साल में मिला क्या। मैं जानना चाहता हूं कि चार साल में बुजुर्गों को पेंशन मिला कि नहीं। तो आज कहां था डबल इंजन 20 साल तक । इस राज्य के बूढ़े-बुजुर्गों को पेंशन क्यों नहीं मिला। ये लोग 20 साल में मात्र 15 लाख बूढ़ा-बुजुर्ग को पेंशन दे रहा था। लेकिन हमने जब कुर्सी संभाली, हमारी सरकार बनी तब चार साल में 40 लाख बूढ़ा-बुजुर्ग को पेंशन देते थे। पहले 2, 4 घर में पेंशन मिलता था। आज तो टॉर्च जलाकर देखने से भी कोई बूढा-बुजुर्ग बिना पेंशन के नहीं मिलेगा। सबको पेंशन मिलता है। और तो और पहले हमने कानून बनाया था 60 साल उम्र का। लेकिन बाद में हमको पता चला कि गांव में गरीबी बहुत है। अगर यह 60 साल की जगह 50 साल होता तो सबको पेंशन मिलता। हमने तुरंत कानून बदल दिया और अब जो लोग 50 साल या उससे ऊपर के हैं उनकों पेंशन मिलता है। 


सीएम हेमंत ने कहा कि हमारे गांव देहात में महिलाएं सबसे ज्यादा तकलीफ झेलती है। इन नालायकों ने मुफ्त में गैस सिलेंडर बांटा और अब 1200-1500 का सिलेंडर बांट रहा है। पहले ये लोग चरस, गांजा अफीम की तरह लोगों को लत लगवाता है फिर बाद में उन्हीं लोगों का जेब काटने का काम करता है। आज इस राज्य के गरीब-गुरबा,आदिवासी, दलित, पिछड़ा, अल्पसंख्यक को स्वावलंबी बनाने का पैसा इनके पास नहीं है। हमारे राज्य के गरोबों को आवास देने का पैसा इनके पास नहीं है, राज्य के कर्मचारियों को पेंशन देने का पैसा नहीं है, बूढ़ा बुजुर्ग को पेंशन देने का पैसा नहीं है। लेकिन अपने बड़े-बड़े व्यापारियों का लाखों-लाखों अरबों-अरबों रुपे माफ करने का पैसा इनके पास है। भूखा गरीब मरे तो मरे कोई चिंता नहीं है लेकिन व्यापारी लोग नहीं मरना चाहिए। पहले सबको आवास मिलता था उसमें आधा पैसा हम आधा केंद्र सरकार देती थी। चार पांच लाख बकाया आवास था। बहुत नाक रगड़े लेकिन पैसा नहीं दिया। हमलोग का पैसा बगल के राज्य को दे दिया लेकिन हमलोग को नहीं दिया। तब हमने सोचा मत दो हमलोग अपना तरीका अपनाएंगे। उस समय जो लिस्ट बना था मात्र चार साढ़े लाख केंद्र सरकार के लिस्ट में लोग थे। जब हमने सर्वे किया तब पता चला कि 20 लाख लोगों को आवास की आवश्यकता है। हमने उस दिन संकल्प लिया कि 4 लाख को छोड़ो 20 लाख लोगों को राज्य सरकार आवास बनाकर देगी। आने वाले 5 से 6 साल में इस राज्य में ऐसा कोई गरीब नहीं बचेगा जिसके पास घर नहीं होगा। हर साल लाखों आवास स्वीकृत किए जाएंगे। अभी तो स्वीकृत हो चुका है लाखों आवास। धीरे-धीरे पांच छह सालों में सारे आवास बनकर तैयार हो जाएंगे। हमारे बहुत बड़े-बड़े दुश्मन हैं। कहता है नौकरी नहीं मिला। इस देश में सबसे अधिक नौकरी फौज में होता था। अब फौज में नौकरी बंद। अब अग्निवीर आ गया है। जो चार साल नौकरी कराएगा और फिर दूध में से मक्खी की तरह निकाल कर फेंक दिया जाएगा। चार साल के लिए कौन नौकरी करेगा। उसके बाद सबसे अधिक नौकरी होता था रेलवे में। रेलवे में भी नौकरी बंद। रेल सब बिकना चालू हो गया। प्लेटफॉर्म बिकना चालू हो गया। उसके बाद बैंक में जाते थे लोग। बैंक में भी नौकरी बंद। जहां 100 बैंक हुआ करता था वहां 20 बैंक हो गया है। सब बैंक को मिला दिया ये लोग। कई ऐसी संस्था है जिसमें नौकरी बंद। अब सारा ठिकरा राज्य सरकार पर आ गया है। 20 साल में नौकरी देने का कोई कानून नहीं बना। 4 साल में हमलोग कानून भी बनाए। और 20,25 हजार से अधिक नौकरी दिए। और 35, 40 हजार नियुक्ति अभी प्रक्रिया में है। आए दिन हमलोग कानून बनाते हैं तो इनके कार्यकर्ता जाकर कोर्ट में कानून को चुनौती देता है। यहां के मूलवासी आदिवासी को हम प्राथमिकता में नौकरी देना चाहते हैं लेकिन ये लोग नहीं चाहते हैं। हमारे कानून को असंवैधानिक बताता है वहीं कानून भाजपा के राज्य में बनता है तो संवैधानिक हो जाता है। लेकिन ये भी लड़ाई हमलोग लड़ेंगे। फिर भी इसी चुनौतियों के बीच में कई ऐसी नियुक्तियां हुई। जो राज्य अलग होने के बाद पहली बार हुआ है। 


मुख्यमंत्री हेमंत ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि यहां के नेताओं को सर मुड़व्वल हो चुका है, यहां के नेताओं की लुटिया डूब चुकी है। तो अब यहां के नेताओं की लुटिया उठाने असम से, छत्तीसगढ़ से, मध्यप्रदेश से, उत्तराखंड से, यूपी से यहां लोग आते हैं इनका बेड़ा पार कराने। यहां सरकार के कामों के देखकर इनकी आंख फटी की फटी पड़ी है। ऐसे ही कैंप लगाकर हमने पूरे राज्य में ऑफर लेटर बांटा है। हमलोगों ने कानून भी बनाया है कि इस राज्य में जो भी कंपनी होगी उसमें यहां के 75 प्रतिशत स्थानीयों को नौकरी मिलेगी। हमलोगों ने ऐसे ही पंडाल लगाकर लाखों युवाओं को नियुक्ति पत्र दिया है। लेकिन इनको दिखता नहीं है। ये लोग फिर से लग गये हैं सरकार तोड़ो अभियान में। लोकसभा चुनाव में भी जहर घोलने का काम किया। इसलिए भगवान राम ने इनलोगों को आईना दिखा दिया। अब इनको केंद्र में सरकार बनाने के लिए बैसाखी की जरूरत पड़ती है। ये लोग कुछ देने वाला नहीं बल्कि लेने वाला लोग है। इनसे छिनना पड़ता है। अब नारा होगा कैसे लेंगे अधिकार लड़ के लेंगे अधिकारी। खनिज हमारे खेत खलिहान से निकलेगा और मुआवजा हमको ही नहीं मिलेगा। लड़ते झगड़ते चार साल बीत गये ये पांचवा साल चल रहा है। सरकार बनने के बाद राज्य में हो रहे खनिज संपदाओं द्वारा जितना भी खनन कार्य किये जा रहे हैं एक एक कंपनियों से स्थानीय लोगों का हिसाब किताब लिया जाएगा। मुआवजा दो, नौकरी दो नहीं दोगे तो भागो। सोना का चिड़िया इस राज्य को बोलता है और यहीं का लोग फटेहाल में है। आज हम घोषणा कर रहे हैं कि हमलोग यहां 200 यूनिट बिजली फ्री देते हैं। पुराना बकाया बाकी है। उसमें इंट्रेस्ट भी जुड़ जाता है। पहले चरण में हम यही करेंगे कि जितना भी गरीब गुरबा का बकाया है जो इनकम टैक्स पे नहीं करता है हम उसका बकाया माफ करेंगे।