द फॉलोअप डेस्क, रांची:
हेमंत सोरेन ने राजभवन जाकर राज्यपाल को सत्ताधारी दल के विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा। उनके साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर, निवर्तमान मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन, कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव, भाकपा (माले) विधायक विनोद सिंह और आरजेडी विधायक सह श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता मौजूद थे। हेमंत सोरेन ने विधायकों के समर्थन वाला पत्र राज्यपाल को सौंपा और शपथ ग्रहण का समय मांगा। हेमंत सोरेन कल शपथ लेंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप दिया। वे भी हेमंत सोरेन के साथ समर्थन पत्र देते समय मौजूद रहे।
सत्ताधारी दल के विधायकों की बैठक में फैसला
गौरतलब है कि आज मुख्यमंत्री आवास में सत्ताधारी दल के विधायकों की बैठक में प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन का फैसला लिया गया। हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने पर सहमति बनी। इस बात का प्रस्ताव प्रदेश कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने रखा था। बाद में विधायकों ने इस पर सहमति जताई। गुलाम अहमद मीर का तर्क है कि 2019 का विधानसभा चुनाव गठबंधन ने हेमंत सोरेन के नेतृत्व में जीता था। लोकसभा चुनाव 2024 में जेल में रहते हुए भी परिणामों में हेमंत सोरेन का असर दिखा। अब, जबकि हेमंत सोरेन जेल से बाहर हैं तो विधानसभा चुनाव के 4 महीने पहले यह उपयुक्त समय है कि हेमंत सोरेन ही सरकार का नेतृत्व करें। सियासी जानकारों का भी कहना है कि बतौर मुख्यमंत्री चुनावी मैदान में जाना हेमंत सोरेन और पूरे इंडिया गठबंधन के लिए श्रेयस्कर रहेगा।
झारखंड में नेतृत्व परिवर्तन पर विपक्ष की तल्ख टिप्पणी
इधर, विपक्ष की तरफ से बहुत तल्ख टिप्पणियां की गई हैं। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड में नेतृत्व परिवर्तन से यह साफ हो गया है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा में शिबू सोरेन के परिवार से बाहर का कोई भी आदिवासी केवल कामचलाऊ है। आदिवासी नेताओं को यह समझना चाहिए कि वे हमेशा शिबू सोरेन के परिवार की पालकी ही ढोएंगे। उनको कभी उड़़ान भरने का मौका नहीं मिलेगा। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि आज झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कोल्हान टाइगर को चूहा बना दिया।