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हेमंत सोरेन ने RSS की तुलना चूहों से की, बोले- झारखंड की डेमोग्राफी में कोई बदलाव नहीं

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द फॉलोअप डेस्कः 
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को RSS की तुलना 'चूहों' से की और भारतीय जनता पार्टी व आरएसएस पर चुनावी फायदे के लिए राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाया। रांची से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भोगनाडीह जनसभा को संबोधित करते हुए सोरेन ने कहा, 'आरएसएस चूहों की तरह राज्य में घुसपैठ कर इसे बर्बाद कर रहा है। जब आप उन्हें गांवों में हंडिया और दारू के साथ दाखिल होते देखें तो उनका पीछा कर खदेड़ दें। वे चुनाव से पहले राजनीतिक लाभ के लिए सांप्रदायिक अशांति और तनाव पैदा करना चाहते हैं।'


डेमोग्राफी में नहीं हुआ है बदलाव 
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ और तत्वों द्वारा राज्य के भीतर धार्मिक मुद्दों पर अफवाहें फैलाकर हमारी एकजुटता को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं इन तत्वों से हम सभी को बचने की आवश्यकता है। झारखंड वीरों की भूमि रही है। किसी के बहकावे में आकर हम लोग कोई गलत कदम नहीं उठाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल के दिनों में कुछ तत्वों द्वारा राज्य के भीतर डेमोग्राफी चेंज होने की बात कही जा रही है लेकिन सच्चाई यह है कि हमारे राज्य के किसी भी क्षेत्र में डेमोग्राफी चेंज की कोई तस्वीर नहीं दिखी है और ना ही डेमोग्राफी चेंज से संबंधित कोई तथ्यात्मक आंकड़ा उपलब्ध है।


व्यापारी हमें फेंककर यहां आ जाएंगे
सीएम ने कहा झारखण्ड वीरों का राज्य है। हमलोग जब तक लड़ते हैं, तब तक जीवित रहते हैं। अगर हम ऐसी लड़ाई नहीं लड़ेंगे तो जिस तरह से अंग्रेजों ने हमको अलग-अलग क्षेत्रों में बांट दिया, उसी तरह ये व्यापारी लोग हमें फेंक कर आ जाएंगे। इसलिए इन पूंजीपतियों को झारखंड में खड़ा नहीं होने देना है। यह झारखण्ड, यहां के मूलवासियों-आदिवासियों का है। यहां का जल, जंगल हमारा है और आने वाले समय में अपना हक अधिकार लड़कर हमें अपने घर-घर तक लेकर आना है। इस संकल्प के साथ हमें इस चुनाव को अंजाम तक पहुंचाना है।

कारोबारियों और उद्योगपतियों की पार्टी है बीजेपी: सीएम सोरेन
सोरेन ने बीजेपी को कारोबारियों और उद्योगपतियों की पार्टी करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि वह अपने एजेंडे के लिए राजनीतिक नेताओं की खरीद कर रही है। हेमंत सोरेन ने कहा कि 'बीजेपी ने झारखंड के कुछ नेताओं को खरीद लिया है। उनका काम नेताओं को खरीदना और उनका दुरुपयोग करना है। अब हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई की बातें शुरू होंगी। वे हर गांव में ऐसा ही करेंगे। वे असामाजिक तत्वों के जरिए कई मंदिरों और मस्जिदों में साजिश रचने की कोशिश करेंगे।'