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ED की दलील! हेमंत जमीन घोटाले के सबसे बड़े लाभुक, बेल नहीं दें; वकील मीनाक्षी बोलीं- आरोपों में दम नहीं

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द फॉलोअप डेस्क, रांची:

कथित जमीन घोटाला केस में जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर गुरुवार को भी झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस रंगोन मुखोपाध्याय की अदालत में सुनवाई हुई। यहां ईडी ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि रांची जमीन घोटाला के सबसे बड़े लाभुक हेमंत सोरेन हैं। उनको बेल देना सही नहीं है। वहीं, हेमंत सोरेन का पक्ष रख रहीं वरीय अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा कि उनके मुवक्किल पर लगे आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि सदर थाना में दर्ज मामले की जांच जारी है। फिलहाल हम बेल मांग रहे हैं। 

गौरतलब है कि गुरुवार को कोर्ट में जिरह के दौरान एजेंसी की ओर से पेश वरीय अधिवक्ता एसवी राजू ने कहा कि हेमंत सोरेन के इशारे पर ईडी के अधिकारियों के ऊपर झूठे मुकदमे दर्ज कराए गये हैं। ये भी बताया कि हेमंत सोरेन ने खुद भी अधिकारियों के खिलाफ एक केस किया। बता दें कि हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया था। 

ईडी का केस ही बेबुनियाद है!
हेमंत सोरेन की ओर से कोर्ट में पेश वरीय अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा कि पीएमएलए कोर्ट ने ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लिया है। हमने कानूनी प्रावधानों के मुताबिक ही जमानत याचिका दाखिल की है। ईडी ने भानुप्रताप प्रसाद के घर से जो दस्तावेज बरामद किए हैं उनमें कहीं हेमंत सोरेन का नाम नहीं है। जिस जमीन की चर्चा हो रही है उसका एक टुकड़ा भी हेमंत सोरेन के नाम पर नहीं है। अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने दलील दी है कि जिस जमीन की बात हो रही है उसकी खरीद-बिक्री 1970 में हो गई थी जबकि हेमंत सोरेन का जन्म ही वर्ष 1974 में हुआ है। जिस बैंक्विट हॉल के नक्शे की बात कही जा रही है, उसमें किसी क्लाइंट का नाम मेंशन नहीं है। उन्होंने कहा कि ईडी का केस ही पूरी तरह से बेबुनियाद है।

 

कल्पना सोरेन भी थीं मौजूद
गौरतलब है कि कोर्ट में बेल पिटीशन पर सुनवाई के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी और गांडेय विधायक कल्पना मुर्मू सोरेन भी कोर्टरूम में मौजूद थीं। पिछली सुनवाई में भी कल्पना मुर्मू सोरेन आई थीं। बता दें कि बड़गाईं अंचल के 8.86 एकड़ जमीन की कथित हेरा-फेरी के आरोप में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अगस्त 2023 से जनवरी 2024 के बीच कुल 10 बार समन किया गया था। वे केवल 8वें समन पर 20 जनवरी और 10वें समन पर 31 जनवरी को अधिकारियों के सामने पेश हुए। आखिरकार 31 जनवरी को लंबी पूछताछ के बाद उनको गिरफ्तार कर लिया गया। तब से वह होटवार जेल में बंद हैं। 

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