द फॉलोअप डेस्कः
झारखंड सरकार वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट बनाने में लग गई है। वित्त विभाग ने सभी विभागों को 15 दिसंबर तक योजना बजट मांग पत्र भेजने को कहा है। विभाग ने 24 नवंबर तक स्थापना बजट और 8 दिसंबर तक राजस्व लक्ष्य का विभागों से प्रस्ताव की मांग की है। वित्त सचिव अजय कुमार सिंह ने चालू वित्तीय वर्ष की खर्च नहीं हो सकने वाली राशि 31 दिसंबर तक सरेंडर करने की हिदायत विभागीय प्रधानों को दी है। वित्त विभाग ने अगले बजट के लिए योजना विकास बजट को लेकर सभी विभागों से केंद्र और राज्य से मिलने वाले आर्थिक संसाधनों की जानकारी मांगी है। साथ ही, राजस्व प्राप्तियों का लक्ष्य भेजने का भी निर्देश दिया है। जानकारी के मुताबिक, ये रिपोर्ट आने के बाद वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए योजना आकार तय होगा।
खाली पदों के लिए वेतन की मांग नहीं करें
वित्त विभाग द्वारा विभागों को जारी बजट निर्देश में कहा गया है कि अधिकारियों व कर्मचारियों के वेतन की मांग की गणना 1 सितंबर 2023 के आधार पर ही विभाग करें। कहा गया है कि बजट मांग पत्र में कर्मचारियों और अधिकारियों की स्वीकृत बल तो बताएं लेकिन, खाली पदों के लिए इस आधार पर वेतन की मांग नहीं करें कि आगामी माहों में पदों पर नियुक्ति संभावित है। एकमुश्त राशि के नाम पर पैसे मांगने की प्रवृत्ति पर भी वित्त विभाग ने आपत्ति जताई है। कहा है कि एकमुश्त प्रावधान के तहत विभाग को 10 लाख रुपए ही रखना है। कई विभागों में इसके विपरीत इस मद में करोड़ों की राशि रख दे रहे हैं। इस पर महालेखाकार ने आपत्ति जताई है।
प्रत्येक विभाग स्कीमों की पहचान करेंगे
जानकारी के मुताबिक प्रत्येक प्रशासी विभाग वैसी छोटी-छोटी स्कीमों की पहचान करेंगे, जिनका कार्यान्वयन पंचायत स्तर से कराया जा सके। आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण, अतिरिक्त स्वास्थ्य उपकेन्द्र, प्राथमिक विद्यालयों, जन भागीदारी आधारित माइक्रोलिफ्ट इरिगेशन योजनाएं भूमि समतलीकरण योजना इसमें शामिल रहेगा। ऐसी योजनाओं के लिए अलग से राशि का कण-कण किया जाएंगे जो सीधे पंचायतों को उपलब्ध करायी जा सके। सरकार आगामी 3 साल की कार्य योजना के आधार पर ही संबंधित स्किमों के विरुद्ध संख्यात्मक लक्ष्य के लिए बजटीय उदव्यय का प्रावधान करेगी।
सामान्य बजट का ही कंसेप्ट रहेगा
गौरतलब है कि इस बार भी गैर योजना और योजना बजट के स्थान पर स्थापना व्यय और सामान्य बजट का ही कंसेप्ट रहेगा। इस बार भी सरकार आउटकम बजट ही पेश करेगी। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए मूल बजट के रूप में 1 लाख 16 हजार 418 करोड़ रुपए का बजट है। इसके बाद 11,988 करोड़ रुपए का पहला अनुपूरक बजट विधानसभा से पास हुआ है। मूल बजट के अनुसार, 70,973 करोड़ रुपए का योजना बजट है, जो अब बढ़कर 79,643 करोड़ हो गया है
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