रांची:
20 महीने से लंबित वेतन भुगतान की मांग को लेकर बुधवार देर शाम निदेशक से मिलने गए एचईसी कर्मियों पर लाठीचार्ज के बाद माहौल गरमा गया है। गुरुवार को बकाये वेतन की मांग और लाठीचार्ज के विरोध में एचईसी कर्मियों ने प्रोजेक्ट भवन जाने वाला रास्ता जाम कर दिया। एचईसी कर्मियों ने तीनों प्लांट में काम ठप कर दिया है। विरोध प्रदर्शन को देख एचईसी मुख्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। प्रोजेक्ट बिल्डिंग जाने वाले रास्ते में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। एचईसी कर्मियों का आरोप है कि 20 महीने से उनका वेतन लंबित है और बुधवार को निदेशक ने बात करने की जगह उन्हें पिटवाया।
बकाये वेतन की मांग को लेकर आंदोलन
गौरतलब है कि बुधवार देर शाम तकरीबन 8 बजे एचईसी कर्मी बकाये वेतन की मांग को लेकर एचएमडीपी बिल्डिंग के समक्ष धरना प्रदर्शन कर रहे थे। आरोप है कि प्रबंधन ने सीआईएसएफ जवानों को बल प्रयोग कर उन्हें हटाने का आदेश दिया। इसके बाद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों ने उन्हें वहां से हटाना चाहा। मना करने पर लाठीचार्ज किया। इसकी तस्वीरें भी सामने आई है जिसमें एचईसी कर्मी और सीआईएसएफ जवानों के बीच धक्का-मुक्की हो रही है।
क्यों एचईसी कर्मियों को नहीं मिला है वेतन
बताया जा रहा है कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल में रूस से सहयोग से स्थापित हैवी इलेक्ट्रिकल कॉर्पोरेशन पिछले काफी समय से घाटे में चल रहा है। स्वायत्त संस्था होने की वजह से कंपनी को सरकारी सहायता नहीं मिल रही है। इसरो के रॉकेट को लॉन्च करने के लिए पैलोड बनाने वाली इस कंपनी का हाल खस्ता है। कर्मियों को 20 महीने से वेतन नहीं मिला है।