रांची
देवघर के पूर्व डीसी मंजूनाथ भजंत्री के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के मामले में आज हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गयी। चुनावी कार्यों से उन्हें अलग रखने के इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया (ईसीआई) के आदेश को लेकर मंजूनाथ भजंत्री की याचिका में हाई कोर्ट एकल पीठ के आदेश को चुनौती देने वाली इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया (ईसीआई) की अपील (एलपीए) पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। मामले में हाई कोर्ट की खंडपीठ ने दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है।
ईसीआई की ओर से अधिवक्ता राजीव सिन्हा ने मामले कर पैरवी की। वहीं, राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता शाहबाज अख्तर ने पैरवी की। मामले में इसीआई की दलील थी कि इस मामले की सुनवाई सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) में होनी चाहिए थी। लेकिन हाई कोर्ट की एकल पीठ ने इस मैटर को डब्लूपीसी के रूप में सुनवाई योग्य मानते हुए सुनवाई के लिए सक्षम बेंच में ट्रांसफर किया था. जिसे ईसीआई ने हाई कोर्ट की खंडपीठ में अपील (एलपीए) दायर चुनौती दी थी।
हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति राजेश शंकर की कोर्ट ने ईसीआई के इस दलील को नहीं माना था कि इस मामले की सुनवाई सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) में होनी चाहिए। एकल पीठ ने कहा था कि यह मामला रिट पिटीशन सर्विस (डब्लूपीएस) का नहीं है, क्योंकि सर्विस मैटर में एंप्लॉयी और ऐपलॉयर का संबंध रहता है. यह मामला रिट पिटीशन सिविल (डब्लूपीसी) का है. इस मेटर को डब्लूपीसी के रूप में सुनवाई योग्य मानते हुए हाई कोर्ट में सुने जाने का निर्देश देते हुए मामले को सक्षम बेंच में ट्रांसफर करने का निर्देश एकल पीठ ने दिया था।