द फॉलोअप डेस्क
विभाग की अनुदान मांगों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए जल संसाधन मंत्री हफीजुल हसन ने भाजपा और इसके बड़े नेताओं पर कई गंभीर टिप्पणियां कर डाली। हफीजुल हसन ने विभाग की अनुदान मांगों से इतर विषयों पर बोलते हुए कहा भी कि ट्रेजरी बेंच का होने के कारण उन्हें सदन में बहुत कम बोलने का मौका मिलता है। लेकिन आज वह बोलेंगे। हफीजुल ने कहा कि उनके लिए गिरिडीह की घटना पर बोलना जरूरी है। वहां दोपहर होते होते हिंदू और मुसलमान भाई शांत हो गए थे। रघुवर जी देवघर जा रहे थे। गिरिडीह की ओर अपनी गाड़ी मोड़ लिए। फिर अगले दिन बाबूलाल जी भी चले गए। अरे भाई आप लोग 60-65 से ऊपर के हो गए हैं। अब उन्हें कौन बताए कि 20 साल तक कोई वैकेंसी नहीं है। हेमंत बाबू 20 साल तक रहेंगे।
हफीजुल हसन ने चाचा पर भी चर्चा कर डाली। चाचा अर्थात चंपाई सोरेन। हसन ने कहा कि गांव के किसी गरीब परिवार में खाना नहीं होता है और कोई गेस्ट आ जाता है तो वह एक तरकीब निकालता है। परिवार में लड़ने झगड़ने का माहौल बनाता है ताकि गेस्ट ऐसा देख खुद भाग जाएगा। यही हाल चाचा के लिए हो रहा है। हफीजुल ने केंद्र सरकार पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया। साथ ही भाजपा से आग्रह किया कि वे लोग सहयोग करें। आपके भी 6-7 सांसद हैं। राज्य के लिए कुछ नहीं कीजिएगा तो फिर हाफ हो जाइएगा। फिर उन्होंने आगे कहा कि केवल हिंदू-मुसलिम सुनने लोग नहीं जाते हैं। ये लोग पाकिस्तान से शुरू कर बंगलादेश तक चले जाते हैं। अरे भाई मुसलमानों का ईरान, इराक सहित कई देश हैं। यह खत्मे नहीं होगा। कोई जाकर बोल देता है कि पाकिस्तान समझ लिया है क्या। हम क्या बोलें। मुख्यमंत्री रह चुके हैं। राज्यपाल रह चुके हैं। लगता है कि दिने में ले लेते हैं क्या। नफरत फैलानेवाले अडवाणी जी का क्या हुआ। सभी जानते हैं। हालांकि बीच बीच में भाजपा विधायकों ने इसका विरोध भी किया। लेकिन हफीजुल बोलते चले गए कि मंत्री होने के कारण उन्हें सदन में कम बोलने का मौका मिलता है। उन्हें भी तो बोलने का मौका मिलना चाहिए।