द फॉलोअप डेस्क
मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में हमार और जोमी समुदायों के बीच हुए ताजा संघर्ष के बाद सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। यह हिंसा तब भड़क उठी जब 18 मार्च की शाम जोमी समुदाय ने अपने झंडे को फहराया, जिसका हमार समुदाय ने विरोध किया। इस विवाद ने इतना गंभीर रूप ले लिया कि 53 वर्षीय लालरोपुई पाखुमाते की जान चली गई। वह सेइलमत गिलगलवंग के निवासी थे। इससे पहले, 16 मार्च की रात जेंहांग इलाके में हमार समुदाय के एक नेता पर हमला हुआ था, जिससे दोनों समुदायों के बीच पहले से चल रहा तनाव और गहरा गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने जिले में कर्फ्यू लगा दिया है। हालांकि, मंगलवार को हमार इंपुई मणिपुर और जोमी काउंसिल के बीच शांति समझौता हुआ था, फिर भी जमीनी हालात में सुधार नहीं दिख रहा है।
जोमी स्टूडेंट्स फेडरेशन की हड़ताल और प्रशासन की अपील
स्थिति को देखते हुए जोमी स्टूडेंट्स फेडरेशन ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर दिया है। वहीं, जिला प्रशासन के डिप्टी कमिश्नर धरुण कुमार एस ने सार्वजनिक अपील जारी कर लोगों से शांति बनाए रखने की गुजारिश की है। तनावपूर्ण माहौल को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों ने चुराचांदपुर में फ्लैग मार्च किया और शांति स्थापित करने के प्रयास तेज कर दिए हैं।
17 मार्च को हमार समुदाय के नेता रिचर्ड हमार पर हुए हमले को लेकर भी विवाद जारी है। इसे देखते हुए हमार इंपुई मणिपुर और जोमी काउंसिल ने आपसी सहमति से इस मुद्दे को आदिवासी परंपरागत कानूनों के तहत सुलझाने का निर्णय लिया है। इस बीच, चुराचांदपुर और फेर्झावल जिले के छह विधायकों—पाओलिनलाल हाओकिप, एन सनाटे, एलएम खाउते, वुंगजागिन वाल्टे, चिनलुंथांग और लेटजामंग हाओकिप—ने राज्य सरकार से तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की है। उनका कहना है कि हालिया घटनाएं समाज की शांति और सौहार्द्र के लिए गंभीर खतरा हैं, जिन्हें जल्द से जल्द संभालना जरूरी है।