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NEET पेपर लीक केस में हजारीबाग OASIS स्कूल के प्रिंसिपल डॉ. एहसानउल हक गिरफ्तार

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द फॉलोअप डेस्क, रांची:

नीट पेपर लीक मामले में हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल डॉ. एहसानउल हक को गिरफ्तार कर लिया गया है। केस की जांच कर रही सीबीआई ने सेंटर सुप्रिटेंडेंट इम्तियाज को भी गिरफ्तार किया है। इससे पहले डॉ. एहसानउल हक सहित कुल 12 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ किया जा रहा था। बता दें कि डॉ. एहसानउल हक हजारीबाग में नीट परीक्षा के जिला कोऑर्डिनेटर थे। बता दें कि सीबीआई ने गुरुवार को हजारीबाग के चरही गेस्ट हाउस  में एहसानउल हक से पूछताछ की। बता दें कि नीट पेपर लीक केस के तार झारखंड, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र तक फैला हुआ है। 

अभ्यर्थियों के पास मिला था जला हुआ प्रश्न पत्र
गौरतलब है कि बिहार पुलिस ने जब पेपर लीक मामले में गिरफ्तार अभ्यर्थियों के ठिकानों पर छापा मारा तो उनके पास अधजले प्रश्न पत्र की फोटोकॉपी मिली। बिहार की आर्थिक अपराध इकाई ने इनका मिलान एनटीए द्वारा उपलब्ध कराए गये मूल प्रश्न पत्र से किया तो 68 प्रश्न हुबहू मिल गये। जब जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि ये प्रश्न पत्र हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के बुकलेट से मेल खाते हैं। यहीं से हजारीबाग का ओएसिस स्कूल सीबीआई की रडार पर आ गया। जांच का दायरा बढ़कर प्रिंसिपल डॉ. एहसानउल हक पर टिक गया। 

डॉ. एहसानउल ने संलिप्तता से इनकार किया
बता दें कि जब सीबीआई ने इस संबंध में डॉ. एहसानउल हक को तलब किया तो उन्होंने अपनी संलिप्तता से साफ इनकार किया। हालांकि, ईओयू का साफ कहना था कि प्रिंसिपल की भूमिका संदिग्ध है। दरअसल, प्रिंसिपल एहसानउल हक सीबीएसई के सिटी कोऑर्डिनेटर हैं। उनके पास 4 जिले, हजारीबाग, चतरा, कोडरमा और रामगढ़ सेंटर का भी जिम्मा था। सीबीआई की पूछताछ में डॉ. एहसानउल ने कहा था कि मैं एनटीए का सिटी कोऑर्डिनेटर हूं। मेरी भूमिका बेहद सीमित होती है। केवल बैंक से पेपर को रिसीव करना होता है। फिर सुनिश्चित करना होता है कि सारे पेपर कंट्रोल रूम में रखा जा सके। इसमें एनटीए सीसीटीवी कैमरे लगाती है। ये कमरा भी लॉक रहता है। बाद में हमारी जिम्मेदारी होती है बक्सों को एनटीए को सौंप देना। 

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