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KBC में पहुंचे झारखंड के हरेराम, अनाथ बच्चियों की कहानी सुन अमिताभ भी नहीं रोक पाएं आंसू

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द फॉलोअप डेस्कः 
लोगों का सबसे ज्यादा पसंदीदा क्वीज शो केबीसी में झारखंड के हरेराम पांडेय आने वाले हैं। हरेराम पांडेय एक ऐसी शख्सियत हैं जो सालों से अनाथ बच्चों का लालन-पालन कर रहे हैं। उनका आश्रम देवघर में है। जिसका नाम नारायण सेवा आश्रम है। उनके आश्रम में बेटियों की संख्या अधिक है। सेवा और श्रद्धा भाव से 66 वर्षीय हरेराम पांडेय बच्चों को पाल-पोष रहे हैं। वर्तमान में उनके आश्राम में 35 बच्चे-बच्चियां हैं। जब इस आश्रम के बारे में केबीसी की टीम को पता चला तो वो लोग देवघर पहुंचे। वहां कुछ रिकार्डिंग की गई। इसके बाद केबीसी टीम के बुलावे पर आश्रम के संचालक हरेराम पांडेय आश्रम की नौ बेटियों के साथ सेट पर पहुंचे। नवरात्र में ही इसका प्रसारण भी होना है। 


21 लाख का चेक दिया 
हरेराम पांडेय 18 साल से अनाथ बेटियों पिता बनकर उनका जीवन संवार रहे हैं। हरेराम बच्चों को मां की तरह ही उनका लालन-पालन करते हैं। हरे राम पांडेय ने बताया कि अनाथ बच्चियों के आसरे का सहारा बने आश्रम के इस सफर पर सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की नजर एक सोशल मीडिया के माध्यम से पड़ी। उन्होंने कौन बनेगा करोड़पति की टीम को देवघर भेजा। आश्रम के संचालक हरेराम पांडेय को पापा और बाबा कहकर पुकारने वाली नौ बच्चियां केबीसी के सेट पर 18 सितंबर को पहुंची। हॉट सीट पर हरे राम पांडेय ने जब बच्चियों की दास्तां सुनाना शुरू किया, तो अमिताभ बच्चन भी अपने आंसू नहीं संभाल पाए। अमिताभ बच्चन ने ट्रस्ट को व्यक्तिगत 21 लाख का चेक दिया है। हरे राम पांडेय ने सेट पर कहा कि वह मरते-मरते ऐसी बच्चियों की सेवा करते रहेंगे।


एक बच्ची तो देख भी नहीं सकती 
16 अक्टूबर को इसका प्रसारण होगा। हरे राम पांडेय ने बताया कि किसी एक बार उनका परिवार के साथ अनबन हो गया था तो वो घर छोड़कर देवघर चले गये।  देवघर में एक छोटा सा आशियाना बनाया और पत्नी के साथ रहने लगे। नौ दिसंबर 2004 की सुबह उनका पता चला कि एक नवजात बच्ची जंगल में फेंकी हुई है। वह वहां गये औऱ नवजात को उठाकर घर ले आए। एक बार देवघर  कॉलेज के सुनसान मैदान में एक बच्ची मिली। उन्होंने यह भी बताया कि छह जनवरी 2012 को जसीडीह स्टेशन पर एक ट्रेन रूकी। यात्री शोर मचाने लगे कि एक नवजात शौचालय में पड़ा है। जीआरपी ने नवजात को उठा लाया। जसीडीह की ही रहने वाली एक ममता ने उसे सहारा दिया। बाद में उस मां ने जब यह देखा कि बच्ची आंख ही नहीं खोल रही तो उसने जीआरपी से बच्चा वापस लेने की विनती की। हरे राम पांडेय ने बताया कि उनको जब यह जानकारी मिली तो भगवान का प्रसाद समझकर ग्रहण कर लिया। वह बच्ची आज भी आश्रम में है और वह इस दुनियां को नहीं देख सकती है। इतना सुनते ही अमिताभ बच्चन की आंख भर आयी।

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