द फॉलोअप डेस्क
भारतीय जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने भारतीय सेना के सूबेदार मेजर की रैंक से इस्तीफा दे दिया है। नीरज साल 2016 में भारतीय सेना में शामिल हुए थे और वो राजपूताना राइफल्स के हिस्सा थे। हालांकि पिछले दिनों नीरज विवाद में तब आए जब उन्होंने एक टूर्नामेंट के लिए पाकिस्तानी खिलाड़ी अरशद नदीम को भारत बुलाने की बात कही थी। पहलगाम हमले के बाद उनके इस फैसले की आलोचना होने लगी जिसके बाद उन्होंने खुद बयान दिया कि उनके लिए देश से बढ़कर कुछ नहीं है। नीरज चोपड़ा 9 सालों से भारतीय सेना से जुड़े हुए थे। भारतीय सेना की राजपुताना राइफल्स का हिस्सा रहे नीरज को करीब 2 साल पहले सूबेदार मेजर की रैंक पर प्रमोट किया गया था। अब उन्हें इस पद से इस्तीफा देना पड़ा है।
दरअसल, नीरज के इस्तीफे के पीछे का कारण यह रहा की चोपड़ा को टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद (ऑनररी) रैंक से सम्मानित किया गया है। 9 मई को राष्ट्रपति की ओर से जारी किए गए नोटिफिकेशन में बताया कि उनकी ये रैंक 16 अप्रैल 2025 से ही लागू मानी जाएगी। सेना या अन्य सरकारी सेवाओं में एक साथ 2 अलग-अलग पदों पर नहीं रहा जा सकता। उन्हें टेरिटोरियल आर्मी में ऑनररी लेफ्टिनेंट कर्नल का पद लेने से पहले सेना में सूबेदार मेजर के पद से इस्तीफा देना पड़ा।
बता दें कि टोक्यो में गोल्ड जीतने के बाद नीरज को सेना द्वारा परम विशिष्ट सेवा मेडल मिला और उन्हें सूबेदार की रैंक पर प्रमोट किया गया था। 24 दिसंबर 1997 को जन्मे नीरज चोपड़ा जैवलिन थ्रोअर हैं। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक 2020 में 87.58 मीटर की दूरी तक भाला फेंककर इतिहास रचा था। वह अभिनव बिंद्रा के बाद विश्व चैंपियनशिप स्तर पर एथलेटिक्स में गोल्ड जीतने वाले दूसरे भारतीय बने थे।