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गुमला : तीन साल से अपने ही हक के रुपयों के लिए तरस रही है गुमला की यह खिलाड़ी, विभाग के रवैये से हुईं हताश

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गुमलाः

राज्य के खिलाड़ी दिन रात मेहनत करते हैं ताकि वह खेलकर पदक जीतें जिससे उनके राज्स का तो नाम रौशन होगा ही साथ ही कुछ उनका भी भला हो जाएगा जब उन्हें कुछ कैश पैसे मिल जाएंगे। लेकिन खिलाड़ी जब अपने हक के पैसे मांगने विभाग के पास पहुंचते हैं तो उनका आवेदन ही रिजेक्ट कर दिया जाता है। ऐसा ही कुछ हुआ है 3000 मीटर में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाने वाली और स्वर्ण पदक विजेता गुमला जिले की रहने वाली खिलाड़ी सुप्रीति कच्छप का।

 

तीन साल से मांग रही पैसे

सुप्रीति कच्छप लगातार तीन साल से आवेदन कर रहीं है लेकिन उनकी नहीं सुनी जा रही है। अब वह विभाग के हाल से हताश हो चुकी हैं लेकिन विभाग इसे रिजेक्ट कर दे रहा है। सुप्रीति कच्छप का कहना है कि जब उसने विभाग से पूछा कि मामला कहां अटका है तो विभाग कह रहा है कि उसने सर्टिफिकेट जमा नहीं किया गया है, जबकि मैंने आवेदन के समय ही सभी सर्टिफिकेट जमा कर दिया है। जबकि दूसरे खिलाड़ियों को खेलो इंडिया में पदक जीतने के आधार पर कैश अवार्ड दिया जा रहा है।

 

क्या कहता है निदेशालय

झारखंड सरकार के खेल निदेशक जिशान कमर का कहना है कि उन्हें इस बारे में कुछ नहीं पता है, वह देखकर बताएंगे कि मामला कहां अटक रहा है। बता दें कि सुप्रीति ने 2020 में खेलो इंडिया एथलेटिक्स चैंपियनशिप में झारखंड की तरफ से 3000 मीटर में 10.00 मिनट का राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया और स्वर्ण पदक जीता। वहीं इसी साल नेशनल क्रास कंट्री रेस में भी स्वर्ण पदक अपने नाम किया है.

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