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गुमला में नन बैंकिंग कंपनी बनाकर लाखों की ठगी, राशि दोगुना करने का देते थे लालच

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गुमला 

गुमला में नन बैंकिंग कंपनी बनाकर लाखों की ठगी का मामला प्रकाश आया है। कंपनी के पदाधिकारी और एजेंट कम समय में राशि दोगुना करने का लालच देकर लोगों से ठगी कर रहे थे। मामले में 5 लोगों के खिलाफ परिवाद दायर कर न्याय की गुहार लगाई गयी है। इनमें दो आरोपी राजधानी रांची के हैं। इनके नाम दीपांकर सेनगुप्ता और शुभांकर चक्रवर्ती हैं। ये दोनों ही सुखदेव नगर रांची के रहने वाले हैं। शेष आरोपियों में कोलकाता के शशि शेखर, देवव्रत भौमिक और उत्तरप्रदेश के पृथ्वीपाल सिंह सेट्टी के नाम हैं। परिवाद में 21 लोगों ने ठगी की लिखित शिकायत की है। परिवाद करमडीपा निवासी बूंदी बारला की ओऱ से दाखिल किया गया है। बारला कंपनी की एजेंट भी हैं। 
 

ऐसे करते थे ठगी 
परिवाद दायर करने वाली महिला बूंदी बारला ने बताया कि आरोपियों ने विकास म्यूचुअल बेनिफिट निधि लि नाम की कंपनी बना रखी है। इसी पहचान के साथ कुछ लोग उनसे मिलने आये। उन्होंने कम समय मे राशि दोगुना करने की योजना के बारे में बताया। बारला उनकी बातों में आ गयी और कंपनी का एजेंट बनकर काम करने लगी। इस दौरान उसने लगभग ढाई दर्जन लोगों से 60 लाख रुपये का निवेश कंपनी में कराया। लेकिन समय आने पर कंपनी के पदाधिकारी भुगतान में आनाकानी करने लगे। फिर इनसे मिलना भी मुश्किल होने लगा। शक होने पर बारला ने परिवाद दाखिल किया। इस समय पांचों आरोपी कहां हैं, इस बाबत कोई जानकारी नहीं मिल सकी है।  

ये लोग हुए ठगी का शिकार 

बूंटी बारला- 2.00 लाख, अरुण कुजूर- 07.28 लाख, तोबियास तिग्गा- 05.71 लाख, शिवदेव उरांव-  05.00 लाख, बैजनाथ कुजूर- 04.49 लाख, शिवनारायण गोप- 03.84 लाख, सुशीला बारला- 03.50 लाख, देवनारायण साहू- 02.60 लाख, रोपना केरकेट्टा- 02.50 लाख, सोमरा इंदवार-01.95 लाख, इग्नासियुस बाड़ा- 01.75 लाख, सुनील खेस- 01.54 लाख, जतरू मुंडा- 01.50 लाख, सोमा इंदवार- 01.40 लाख, शनिचर गवाला- 01.24 लाख, भूपेश उरांव-01.00 लाख, रोशन महतो- 88,000,   बुद्धदेव उरांव-62,000, संजय सिंह- 50,000, विश्वास उरांव- 47,000, सिलवेस्टर-3,000।