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अतिथि शिक्षकों ने उच्च शिक्षा सचिव और कुलपति का पुतला फूंका, अलर्ट दिखा प्रशासन 

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रांची 
रांची विश्वविद्यालय में कार्यरत अतिथि शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर आज अल्बर्ट एक्का चौक में प्रदर्शन किया। उन्होंने उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव राहुल पुरवार और कुलपति अजीत कुमार सिंहा का पुतला फूंका तथा जोरदार नारेबाजी की। शिक्षकों ने मांग की कि उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा पारित संकल्प में संशोधन कर उन्हें आवश्यकता आधारित शिक्षक के रूप में समायोजित किया जाए। उन्होंने सचिव और कुलपति पर शिक्षा विरोधी नीतियां अपनाने का आरोप लगाया और उनके इस्तीफे की मांग की। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि पारित संकल्प के कारण उनका समायोजन नहीं हो पा रहा है, बल्कि निष्कासन का रास्ता खुल गया है।


संघ के अध्यक्ष अरविंद प्रसाद ने कुलपति पर आरोप लगाया कि वे शिक्षकों को काम करने से रोक रहे हैं, जबकि दूसरी ओर विश्वविद्यालय शिक्षकों की कमी का रोना भी रो रहा है। अंकित शर्मा ने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय ने शिक्षकों को अंतरिम राहत दी है, जिसके तहत उन्हें नहीं हटाया जा सकता। मनमोहन टुडू ने कहा कि रांची विश्वविद्यालय में विद्यार्थी शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं, जबकि योग्य शिक्षक सरकार से गुहार लगाने को मजबूर हैं। उन्होंने इसके लिए उच्च शिक्षा सचिव को भी जिम्मेदार ठहराया।
रांची विश्वविद्यालय प्रशासन ने शिक्षकों के आंदोलन को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की थी। इस पर संघ के अध्यक्ष अरविंद प्रसाद ने कुलपति की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि यदि हमारी आवाज को दबाने के लिए फोर्स बुलाने की जरूरत पड़ रही है, तो यह उनकी घबराहट को दर्शाता है। एनएसयूआई के उपाध्यक्ष अमन अहमद से भी अतिथि शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल मिला और उनसे अनुरोध किया कि वे छात्र हित को ध्यान में रखते हुए इस मुद्दे पर समर्थन दें।
ज्ञातव्य है कि रांची विश्वविद्यालय में पिछले आठ वर्षों से कार्यरत अतिथि शिक्षक समान कार्य समान वेतन की मांग को लेकर पिछले दो वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं। हेमंत सरकार की पिछली कैबिनेट बैठक में इन शिक्षकों को आवश्यकता आधारित शिक्षक के रूप में सेवा देने का प्रस्ताव पारित किया गया था, लेकिन संकल्प की अस्पष्टता के कारण समायोजन नहीं हो पाया और विश्वविद्यालय प्रशासन इन्हें हटाने का प्रयास कर रहा है। आज के इस पुतला दहन कार्यक्रम में डॉ. मुमताज, सूरज कुमार विश्वकर्मा, जिज्ञासा ओझा, निहारिका, प्रियंका देवघरिया, शिखा पोद्दार, मनमोहन टुडू, अंकित शर्मा, आसिफ अली, नाजिश हसन, राजू हजाम, शिवकुमार, चक्षु पाठक, डॉ. सतीश तिर्की समेत कई शिक्षक एवं समर्थक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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