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चंपई सोरेन अब झारखंड के नए मुख्यमंत्री, राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने दिलाई पद एवं गोपनीयता की शपथ

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द फॉलोअप डेस्क, रांची:

झारखंड में 29 जनवरी से जारी राजनीतिक अस्थिरता का पटाक्षेप हो गया। वरिष्ठ झामुमो नेता चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राजभवन में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने चंपई सोरेन को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। झारखंड में आज से चंपई सरकार स्थापित हो गई। मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के अलावा दुमका से झामुमो विधायक बसंत सोरेन और कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। आरजेडी विधायक सत्यानंद भोक्ता ने भी मंत्रिपद की शपथ ली। बता दें कि राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने 24 घंटे तक जारी सियासी संकट के बाद रात तकरीबन 11:15 बजे आलमगीर आलम और चंपई सोरेन को राजभवन बुलाया और चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री के रूप में मनोनित किया। 

शपथ ग्रहण से पहले गुरुजी से मिले चंपई सोरेन
बता दें कि चंपई सोरेन ने शपथ ग्रहण से पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुप्रीमो शिबू सोरेन से मुलाकात की। मुलाकात के बाद मीडिया से मुखातिब चंपई सोरेन ने कहा कि हमारा गुरुजी है। गुरुजी हमारा आदर्श हैं। शपथ लेने से पहले हम गुरुजी से आशीर्वाद लेने आये थे। झारखंड आंदोलन के समय में मैं उनका शिष्य रहा हूं। यहां की जनता को उभारने के लिए गुरुजी ने जो संघर्ष किया, मैं उसी को आदर्श मानते हुए सरकार चलाऊंगा। इससे पहले राज्यपाल को विधायकों का समर्थन पत्र सौंपकर चंपई सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद भी गुरुजी को अपना आदर्श बताते हुए खुशहाल झारखंड का वादा किया था। गौरतलब है कि चंपई सोरेन के शपथ लेते ही झारखंड में पिछले तकरीबन 30 घंटे से जारी सियासी संकट का बादल छंट गया है।

 

मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार हुए हेमंत सोरेन
गौरतलब है कि रांची जमीन घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में 31 जनवरी को सीएम आवास में हेमंत सोरेन से करीब 8 घंटे तक पूछताछ हुई। इसके बाद ईडी ने उनको हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए जाने के बाद हेमंत सोरेन, अधिकारियों के साथ राजभवन पहुंचे और राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। हेमंत सोरेन के इस्तीफे के कुछ ही समय बाद विधायक दल का नेता चुने गये चंपई सोरेन ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को समर्थन पत्र सौंपकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। इस दौरान बाहर सत्ताधारी दल के विधायक भी मौजूद थे। चंपई सोरेन ने राज्यपाल के समक्ष विधायकों की परेड कराने की भी पेशकश की थी लेकिन राज्यपाल ने समय लेने की बात कही। गुरुवार की दोपहर को चंपई सोरेन ने फिर राजभवन को एक चिट्ठी फैक्स की और अविलंब सरकार गठन के लिए न्योता देने की मांग की। मिलने का समय मांगा। गुरुवार शाम 5:30 बजे चंपई सोरेन ने राज्यपाल से मुलाकात की। तब भी राज्यपाल ने समय लेने की बात कही। इसके बाद विधायकों को हैदराबाद भेजने की कवायद की गई। हालांकि, फॉग की वजह से फ्लाइट कैंसिल हो गई और विधायक उड़ान नहीं भर सके। 

राजभवन की ओर से की जा रही देरी पर सियासी अटकलें
राजभवन की ओर से की जा रही देरी की वजह से झारखंड के सियासी गलियारों में अटकलें और कयासों का दौर शुरू हो गया। कहा तो ये भी जाने लगा कि झारखंड राष्ट्रपति शासन की ओर बढ़ रहा है लेकिन इसी बीच रात तकरीबन 11:15 बजे राज्यपाल ने आलमगीर आलम और चंपई सोरेन को राजभवन बुलावा और चंपई सोरेन को मनोनित मुख्यमंत्री के रुप में नियुक्त किया।