रांची
प्रदेश कांग्रेस कमिटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा है कि आदिवासियों की जमीन बचाने के लिए सरकार और प्रशासन को कड़ा कदम उठाना होगा नहीं तो वे खुद एकजुट होकर अपनी लड़ाई लड़ेंगे। वे मोरहाबादी के बापू वाटिका में जमीन लूट के खिलाफ आयोजित धरने में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आदिवासियों और मूलवासियों के लिये उनकी ज़मीन ही उनकी ज़िन्दगी का आधार है। जबतक उनके पास ज़मीन है तभी तक उनका अस्तित्व है। अन्यथा वे विस्थापन और पलायन का शिकार होकर कब बेदखल हो जायेंगे इसका पता भी नहीं चलेगा।
विकास का सबसे अधिक खामियाजा आदिवासियों और मूलवासियों ने ही भुगता
बंधु तिर्की ने कहा कि अबतक झारखंड में औद्योगिक विकास और नगर विकास का सबसे अधिक खामियाजा आदिवासियों और मूलवासियों ने ही भुगता है क्योंकि उन्होंने ही उसकी कीमत चुकायी है। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से रांची के मौजा फुटकलटोली, तिलता, कमड़े, सिमलिया, हेसल, बाजरा, हेहल, पंडरा, सुंडिल, दहीसोत, बनहोरा, अगडू, झिरी, सुंडील, चटकपुर, भोड़ा मौजा में गैर मजरुआ ज़मीन और रैयती ज़मीन की भू-माफिया तत्वों द्वारा धरल्ले से कब्ज़ा, लूट और खरीद-बिक्री जारी है। इस वजह से गांव का स्वरुप ही बदल गया। तिर्की ने दलाल और अपराधी तत्वों को चिन्हित कर उन्हें जेल की सलाखों के पीछे भेजने सरकार से अनुरोध किया।
एकजुट होना होगा
इस अवसर पर केंद्रीय सरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष शिवा कच्छप ने कहा कि जमीन बचाने के लिये सभी गांव के अगुवा को एकजुट होना होगा। समाजसेवी अलबिन लकड़ा ने कहा कि आदिवासी एवं मुलवासी की जमीन को बचाने के लिये सरकार को भू माफिया, अंचल अधिकारी एवं जिला प्रशासन पर लगाम लगाने का काम अविलम्ब करना होगा अन्यथा ग्रामीणों को बाध्य होकर कानून को अपने हाथ में लेना होगा। इस एक दिवसीय विशाल धरना कार्यक्रम में संजय तिर्की मुखिया प्रतिनिधि, सुनील तिर्की पूर्व मुखिया, संजय तिर्की पूर्व मुखिया, शिवा कच्छप अध्यक्ष केंद्रीय सरना संघर्ष समिति, समाजसेवी अलबिन लकड़ा, सुका उरांव, सुनील टोप्पो पूर्व पार्षद, राजेश लिंडा, मुन्तजीर खान, लालू खलखो ग्राम प्रधान, सिद्धांत तिर्की, मदरा पहान, पीटर कच्छप, बुधवा उरांव, दिनेश उरांव, महरू उरांव, राजेश लकड़ा, जूवेल कुजुर, महादेव टोप्पो, मेवा लकड़ा, शिल्पा कच्छप, सुनील गाड़ी, शिव उरांव तथा कई अन्य उपस्थित थे।