रांची
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य सरकार के एक मंत्री द्वारा शरीयत को संविधान से ऊपर बताने वाले बयान की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि एक ओर मंत्री पद की शपथ संविधान के नाम पर लेते हैं, और दूसरी ओर सार्वजनिक रूप से शरीयत को उससे ऊपर बताते हैं — यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण, शर्मनाक और संविधान का सीधा अपमान है। दास ने कहा, “यह इनकी असल सोच को उजागर करता है। आज जब पूरा देश संविधान निर्माता भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती मना रहा है, ऐसे समय में इस तरह का बयान न केवल बाबा साहब, बल्कि भारतीय संविधान और उस पर आधारित लोकतांत्रिक व्यवस्था का भी अपमान है।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने मांग की कि राज्य सरकार को ऐसे मंत्री को तुरंत मंत्रिमंडल से बर्खास्त करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी मंत्री की निष्ठा भारतीय संविधान के बजाय किसी धार्मिक कानून के प्रति है, तो उसे संविधानिक पद छोड़कर किसी धार्मिक संस्था, जैसे कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में अपनी भूमिका तलाशनी चाहिए। उन्होंने तंज करते हुए पूछा, “क्या ऐसे मंत्री सजा देने में भी शरीयत कानून लागू करने के पक्षधर हैं, जिसमें अपराध पर कोड़े मारने जैसी सज़ा का प्रावधान है?”
रघुवर दास ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधा और कहा कि राहुल गांधी हर मंच से लाल किताब दिखाकर संविधान बचाने की बात कहते हैं। उनकी पार्टी के समर्थन से झारखंड में चल रही सरकार के मंत्री संविधान से पहले शरियत को बता रहे हैं। क्या कांग्रेस नेता राहुल गांधी संविधान बचाने के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा सरकार से समर्थन वापस लेने की हिम्मत दिखाएंगे।