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CRP कर्मियों का बकाया मानदेय एक सप्ताह में दे सरकार, नहीं तो उग्र आंदोलन- एक्टू

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रांची 

एक्टू ने झाऱखंड सरकार से CRP कर्मियों का बकाया मानदेय एक सप्ताह में देने की मांग की है। रांची नगर निगम समेत राज्य के सभी शहरी निकाय क्षेत्र में महिला स्वालंबन के क्षेत्र में काम कर रहे सीआरपी कर्मियों के मानदेय के लिए एक्टू ने पहल की है। कहा है कि दिये समय में अगर भुगतान नहीं हुआ तो सीआरपी कर्मी उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। इसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार पर होगी। कहा कि आंदोलन की तैयारी अभी से आरंभ कर दी गयी है। लोगों से इसके लिए संपर्क किया जा रहा है। एक्टू के आह्वान पर सीआरपी कर्मी गोलबंद हो रहे हैं। इस बाबत आज रांची के जाकिर हुसैन पार्क के निकट एक्टू ने बुलाई थी। इसमें मुख्य रूप से ऐक्टू के प्रदेश सचिव भुवनेश्वर केवट शामिल हुए। 

महिला सशक्तिकरण में होती है इनकी अहम भूमिका 
बैठक में केवट ने कहा कि सीआरपी कर्मियों का राज्य के महिलाओं के सशक्तिकरण में अहम भूमिका है। महिला स्वयं सहायता समूहों का निमार्ण, इनको स्वरोजगार से जोड़ना, बैंकों से ऋण उपलब्ध कराना इनका मुख्य काम है। साथ ही सीआरपी कर्मी वार्डो में संचालित निगम के कार्योँ के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करते हैं। केवट ने कहा कि पूरे देश में महिला सशक्तिकरण और आरक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है। लेकिन दूसरी तरफ विपरीत परिस्थिती में जूझ कर महिला सशक्तिकरण का मॉडल पेश करने वाली महिलाओं का भूगतान नहीं किया जाना, निंदनीय है। बैठक के बाद ऐक्टू ने रांची नगर आयुक्त को पत्र प्रेषित अविलंब भुगतान की मांग की है। 

मार्च 2023 से मानदेय नहीं मिला है

गौरतलब है कि राजधानी रांची समेत राज्य के सभी नगर निकाय क्षेत्र में कार्यरत सीआरपी कर्मियों का मार्च 2023 से मानदेय नहीं मिला है। कुछ कर्मियों का दिसंबर 2022 से मानदेय बकाया है। इस बाबत केवट ने कहा कि एक मात्र 5475 रूपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाता है, दूसरे नौ महीने से ये भी बकाया है। सीआरपी कर्मियों के द्वारा अधिकारीयों को अवगत कराने के बावजूद इस पर ध्यान नहीं दिया गया है। मजबूरन सीआरपी कर्मी आन्दोलन के लिए बाध्य हैं।