द फॉलोअप डेस्क
पलामू के उप निर्वाचन पदाधिकारी कानु राम नाग को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने गलत तरीके से एसटी सर्टिफिकेट बनाकर द्वितीय झारखंड प्रशासनिक सेवा की नौकरी हासिल की थी। कैबिनेट ने 27 सितंबर को इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई है। कानु राम नाग तमाड़िया जाति से आते हैं, जो अत्यंत पिछड़ा वर्ग की श्रेणी में आती है, लेकिन उन्होंने मुंडा जनजाति का प्रमाण पत्र बनाकर नौकरी हासिल की थी।
शुक्रवार को कैबिनेट विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल ने बताया कि झारखंड सरकार ने उन्हें झारखंड सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली, 2016 के नियम 14 (x) के तहत सेवा से हटाया है। हालांकि, उन्हें दूसरी सरकारी सेवा में बहाली के लिए अयोग्य नहीं ठहराया गया है। इसका मतलब वे दूसरी बहाली के दौरान अपनी असली जाति प्रमाण पत्र का इस्तेमाल कर सकते हैं।
बता दें कि कानु राम नाग चाईबासा के रहने वाले हैं और एसटी सर्टिफिकेट के आधार पर द्वितीय जेपीएससी की परीक्षा में चयनित हुए थे। इसकी जानकारी मिलने पर उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था और कार्मिक विभाग की तरफ से जांच समिति बनी थी। जांच रिपोर्ट में कहा गया था कि कानु राम नाग अत्यंत पिछड़ी जाति में शामिल तमाड़िया जाति से आते हैं और उन्हें मुंडा जनजाति का प्रमाण पत्र नहीं दिया जा सकता। इस फैसले को कानु राम नाग ने झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन बाद में उन्होंने अपनी याचिका वापस ले ली थी।