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दो दिवसीय दौरे पर झारखंड पहुंचे गुलाम अहमद मीर, कहा- राहुल गांधी को हिमंता विस्वा सरमा से सीखने की जरूरत नहीं

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द फॉलोअप डेस्कः
झारखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर आज रांची पहुंचे। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी पार्टी अपनी स्ट्रेटेजी तय कर ही चुनाव में आती है। इस साल चुनाव है तो उसके लिए थोड़ा और संपर्क जनता के साथ बढ़ेगा। रुपरेखा तैयार है। आने वाले दिनों में हम मास मूवमेंट के तौर पर एक प्रोग्राम चलाएंगे। जिसमें हमारी उपल्बधि के बारे में बतायेंगे और जनता की अभी क्या नई बात है वह भी सुनेंगे। आगे उन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले नेतृत्व परिवर्तन पर बोले कि ऐसी कोई भी बात नहीं है। कांग्रेस पार्टी लगातार काम करते रहती है और झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर लगातार एक्टिव है। 


जम्मू कश्मीर से चुनाव आयोग चुप्पी साधकर वापस आई है
वहीं बांग्लादेशी मुद्दे पर पूछने पर उन्होंने कहा कि बांग्लादेश से जिस तरीके का खबरें आ रही है ऐसा होना नहीं चाहिए। भारत सरकार इस दिशा में उचित कदम उठा रही है। उनकी जिम्मेदारी है कि जो लोग बांग्लादेश में रह रहे हैं उनके रखरखाव और उनकी परेशानियों को देखे। पत्रकारों ने पूछा कि चुनाव आयोग की टीम जम्मू कश्मीर गई थी तो क्या फैसला हुआ चुनाव वहां होगा या नहीं इस पर उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग जम्मू कश्मीर में चुनाव कराने की स्थिति को देखकर आई है। सभी राजनीतिक पार्टियों ने कहा है कि यहां चुनाव होना चाहिए। लेकिन चुनाव आयोग चुप्पी साधकर वापस आ आ गई है। उनकी क्या मंशा है वही जाने। 


जब उनसे पत्रकार ने पूछा कि हिमंता विस्वा सरमा आज रांची में है और उन्होंने कहा है कि राहुल गांधी को बांग्लादेश में हिंदुओ पर हो रहे अत्याचार की फिक्र नहीं है और ना ही वह उसपर चर्चा करना चाहते हैं। इस पर गुलाम अहमद मीर ने कहा कि राहुल गांधी को हिमन्ता बिस्वा सरमा से सीखने की जरूरत नहीं है। बचपन से ही वह देश-विदेश देख चुके हैं। हिमन्ता बिस्वा सरमा अपने प्रदेश का ख्याल रखें। युवा कितना मजबूत हुआ है यह हाल ही चुनाव ने देखा है। कितना भी कोशिश कर ले भारतीय जनता पार्टी का कुछ नहीं होने वाला है। केंद्र में बैसाखी लेकर सरकार चला रहे हैं। अगर युवा और बेरोजगारों के लिए काम किया होता तो यह हालत नहीं होती। 
वक्फ बोर्ड के सवाल पर उन्होंने कहा कि सवाल वक्फ बोर्ड का नहीं है जितने भी धार्मिक संगठन है चाहे वह हिंदू का हो, क्रिश्चियन का हो या फिर अन्य समुदाय का अचानक इस तरह की शुरुआत एक इशारा है। आने वाले दिनों में हिंदू बोर्ड में क्रिश्चियन बोर्ड में भी ऐसा नियम कानून में बदलाव करें। जो संविधान में फ्रेमवर्क है उसमें छेड़छाड़ करने का अधिकार किसी को नहीं है। संविधान में बदलाव लाने के लिए जो नंबर वे मांग रहे थे यह उसी की कड़ी है, एक डिजाइन है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उन्होंने बधाई दी है और फेसबुक पर सिंबल दिखाने को कहा कि जो हुआ है सब जानते है। वहीं प्रदेश अध्यक्ष के बदलाव के सवाल पर उन्होंने चुप्पी साध ली।

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