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गोरखधंधा : ​​​​​​​गोरखधंधा : पुलिस बनकर साइबर अपराध छोड़ने वालों के साथ करते थे ठगी, ऐसे हुआ खुलासा

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जामताड़ा :

साइबर अपराधियों के द्वारा आए दिन ठगी किए जाने की खबरें सामने आती रहती हैं। लेकिन साइबर अपराध करने की महारत रखने वाले के साथ ठगी करने का मामला क्या आपने कभी सुना है? आपका जवाब होगा नहीं। मगर हम ऐसी ही घटना की जानकारी आपको देने जा रहे हैं जिसमें साइबर अपराधियों ने साइबर अपराध करने की महारत रखने वालों को ठगा है। इस मामले का खुलासा साइबर थाना जामताड़ा के डीएसपी मनजुरूल हौदा ने प्रेस कांफ्रेंस कर किया। उन्होंने बताया की सदर थाना क्षेत्र में छापेमारी कर कुंदन झा, विधान चंद्र सर्खेल और शहजाद अंसारी को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस को इनके पास से 4 मोबाइल, 8 सिम, 1 लैपटॉप, 6 एटीएम कार्ड, 26,000 रुपए नगद और 3 मोटरसाइकिल बरामद किया गया है। वहीं, संतोष रक्षित नामक इनका साथी अपराधी भागने में सफल रहा। इस संबंध में इनके विरुद्ध जामताड़ा साइबर अपराध थाना में कांड दर्ज किया गया है।

जानें कैसे करते थे ठगी

आम लोगों को ठगने की बजाय यह गिरोह खुद को दिल्ली साइबर थाना के पुलिस बनकर साइबर अपराधियों के विरूद्ध कारवाई करने का झांसा देते थे। ऐसे लोगों को फर्जी नोटिस भेजकर लोगों से पैसे की ठगी करते थे। दिल्ली पुलिस के साइबर क्राइम थाना की पुलिस बनकर इन युवकों ने कई लोगों को नोटिस भेजा। फोन करके दिल्ली में उनके खिलाफ दर्ज मामले की बात कहकर रुपए उगाही का काम करते थे। जामताड़ा एसपी मनोज स्वर्गियारी को इसकी सूचना मिली। उन्होंने जांच करवाया तो पता चला कि यह फर्जी नोटिस है। इसके बाद इन अपराधियों की गिरफ्तारी हुई है।

क्या लिखते थे नोटिस में

साइबर क्राइम की दुनिया को छोड़कर आम लोगों की तरह जीवन जीने वाले व्यक्तियों को यह गिरोह खासकर निशाना बना रहा था। साइबर क्राइम छोड़ने वालों को जो नोटिस ये लोग भेजते थे उसमें लिखते थे कि रांची साइबर सेल और जामताड़ा साइबर पुलिस के रडार पर वे हैं। इसके बाद कई लोग पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए इस ठग गिरोह के झांसे में आ रहे थे।