द फॉलोअप डेस्कः
धनबाद जेल में बंद झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह ने इच्छा मृत्यु चाहते हैं। उन्होंने कोर्ट में याचिका दाखिल कर इच्छा मृत्यु की मांग की है। याचिका में लिखा है कि इलाज के लिए नहीं भेज सकते तो मुझे इच्छा मृत्यु की परमिशन दी जाए। इसके साथ ही उन्होंने लिखा है कि मेरे इच्छा मृत्यु के बाद जरूरतमंदों के बीच मेरे अंगों का दान किया जाए। संजीव सिंह वकील मोहम्मद जावेद ने याचिका की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि संजीव सिंह की ओर से धनबाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश 16 की कोर्ट में मंगलावार यानि आज यह पिटिशन दाखिल की गई है।
दरअसल 11 जुलाई 2023 को उनकी तबीयत बिगड़ गई थी, वह कुर्सी से गिर गये थे। जिसके बाद उनको एसएनएमएमसीएच में भर्ती कराया गया था। इधर हाईकोर्ट ने भी उनको मेडिकल ग्राउंड पर राहत देने से मना कर दिया है क्योंकि 1 जुलाई से पहले मेडिकल बोर्ड ने संजीव सिंह की जांच की थी पाया था कि उनको किसी प्रकार की गंभीर बीमारी नहीं है। जेल प्रशासन ने मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट का हवाला देते हुए अदालत को बताया कि संजीव सिंह स्वस्थ है, इसलिए जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय ने संजीव सिंह की याचिका खारिज कर दी थी।
संजीव सिंह 2017 से जेल में है
गौरतलब है कि झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह अपने चचेरे भाई सह पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या की साजिश रचने के आरोप में संजीव सिंह 11 अप्रैल 2017 से जेल में बंद है। नीरज सिंह और उनके तीन समर्थकों को हमलावरों ने 21 मार्च 2017 की शाम गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
ऐसे हुई थी हत्या
नीरज सिंह अपनी गाड़ी से स्टील गेट स्थित रघुकुल आवास लौट रहे थे। स्टील गेट के पास रोड पर बने ब्रेकर के समीप नीरज सिंह की गाड़ी की धीमी हुई। हमलावरों ने वाहन को घेर लिया था। जबतक नीरज सिंह संभल पाते तबतक हमलावर वाहन के ऊपर ताबड़तोड़ फायरिंग करने लगे थे। वाहन की आगली सीट पर बैठे नीरज सिंह को करीब 25 गोलियां लगी थी। जिस वजह से उनकी मौत हो गई थी। नीरज सिंह के अलावा निजी बॉडीगार्ड मुन्ना तिवारी, चालक घलटू और करीबी समर्थक अशोक यादव की मौके पर ही मौत हो गई थी।
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