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पलटवार : ACB जांच पर बोले रघुवर दास, खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे...लगता है निशाना सही जगह लगा

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रांची: 

हेमंत सरकार ने झारखंड स्थापना दिवस समारोह-2016 में कथित वित्तीय अनियमितता मामले की जांच एसीबी को सौंप दी है। बता दें कि स्थापना दिवस समारोह के लिए अलग-अलग जिलों में बच्चों के बीच टी-शर्ट, मिठाई और टॉफी का वितरण किया जाना था। इसमें बॉलीवुड की पार्श्व गायिका सुनिधि चौहान के कार्यक्रम में हुए खर्च में भी गड़बड़ी का आरोप है।

रघुवर दास ने क्या प्रत्युत्तर दिया है
कहा जा रहा है कि एसीबी की जांच सीधे-सीधे पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को मुश्किल में डालेगी क्योंकि तब इनकी ही सरकार थी। एसीबी जांच की जानकारी मिलते ही पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ट्वीट किया। लिखा कि खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे। हमने 5 साल ईमानदार सरकार और ईमानदार प्रशासन दिया है। इसके बावजूद अगर किसी को लगता है कि कोई गड़बड़ी हुई है, तो किसी भी जांच का मैं स्वागत करता हूं। सांच को आंच क्या। 


रघुवर दास ने लिखा कि इस सरकार ने विधानसभा में स्वयं स्वीकार किया था कि इस मामले में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हुई है। अभी हाल के दिनों में ही मैंने सरकार पर कुछ गंभीर सवाल उठाए थे, शायद निशाना सही जगह लगा है।

रघुवर दास के कार्यकाल का है मामला
गौरतलब है कि तब प्रदेश में बीजेपी की सरकार थी और रघुवर दास मुख्यमंत्री थे। जाहिर है कि जांच से उनको थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। बता दें कि तब सरयू राय झारखंड कैबिनेट में मंत्री हुआ करते थे। विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री के साथ उनके मतभेद खुलकर सामने आए और उन्होंने जमशेदपुर (पूर्वी) निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया।

रघुवर दास के खिलाफ चुनाव लड़े और जीते भी। इस वित्तीय अनियमितता वाले मामले को उन्होंने ही जोर-शोर से उठाया था। हेमंत सरकार अब इसे हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रही है। 

पूर्व सीएम ने हेमंत सरकार पर लगाए थे आरोप
कहा ये भी जा रहा है कि ये हाल ही में रघुवर दास द्वारा हेमंत सरकार पर लगाए गए गंभीर आरोपों का प्रत्युत्तर है। गौरतलब है कि कुछ ही दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रेस वार्ता बुलाई थी।

प्रेस वार्ता में रघुवर दास ने मौजूदा हेमंत सरकार पर सिलसिलेवार ढंग से कई गंभीर आरोप लगाए थे। रघुवर दास ने मौजूदा सरकार पर राज्य में अवैध उत्खनन को संरक्षण देने, बालू उत्खनन को प्रश्रय देने तथा वन की कटाई जैसे गंभीर आरोप लगाये थे।