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रामगढ़ : अंबा प्रसाद को अंतिम नोटिस जारी, 30 अप्रैल तक रखना होगा पक्ष नहीं तो एक तरफा साक्ष्य पर सुनाया जाएगा फैसला

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हजारीबागः
कांग्रेस की बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद पर आरोप है कि उन्होंने 2019 में हुए विधानसभा चुनाव के हलफनामे पर कुछ गलत जानकरियां दी थी। रामगढ़ निवासी शिकायतकर्ता पंकज महतो ने 6 दिसंबर 2021 को भारत निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर इस बात की जानकारी दी थी। शिकायतकर्ता ने आयोग को कुछ साक्ष्य भी दिया था। जिसके बाद रामगढ़ के भूमि सुधार उपसमाहर्ता ने बीते 22 अप्रैल को विधायक अंबा प्रसाद को अंतिम नोटिस जारी किया है। इससे पहले भी अंबा प्रसाद को दो बार नोटिस जारी किया जा चुका है लेकिन इसके बावजुद उन्होंने अपनी तरफ से कोई पक्ष नहीं रखा है। 


दो बार नोटिस के बाद भी कोई जवाब नहीं 
अंतिम नोटिस में कहा गया है कि 30 अप्रैल तक अगर अंबा प्रसाद ने खुद या अपने वकील के माध्यम से पक्ष नहीं रखा तो शिकायतकर्ता ने जो भी साक्ष्य दिया है उसके आधार पर एक तरफा सुनवाई कर अंतिम फैसला सुना दिया जाएगा। अंबा प्रसाद के निर्वाचन में दिये हलफनामे में झूठी व अधूरी सूचनाएं देने का आरोप है। साक्ष्य के आधार पर चुनाव आयोग ने झारखंड के मुख्य चुनाव अधिकारी को कार्यवाही करने का निर्देश दिया था। जिसके आलोक में राज्य निर्वाचन आयोग ने रामगढ़ जिला प्रशासन को कार्यवाही करने का निर्देश दिया था। इस बाबत दो बार 19 जनवरी और 26 मार्च को बड़कागांव विधायक को अपना पक्ष रखने को कहा गया लेकिन उन्होंने अपना कोई पक्ष नहीं रखा। 


20 मार्च को फिर पत्र लिखा गया 
इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई तो शिकायतकर्ता पंकज महतो ने फिर 20 मार्च को भारत और राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर इस मामले में ठोस एक्शन लेने का आग्रह किया है। शिकायतकर्ता ने कहा कि चुंकि अंबा प्रसाद गठबंधन सरकार में कांग्रेस की विधायक हैं। इसलिए अधिकारी जानबूझ कर कार्रवाई में देरी कर रहे हैं।