रांची
किसानों ने सरकार को धान तो बेच दिया लेकिन 6 माह होने के बाद भी उनको पूरे पैसे का भुगतान नहीं किया गया है। परेशानी की बात ये है कि फिर से बुआई का समय भी आ गया है। अब किसानों को चिंता सताने लगी है कि बिचड़ा आदि के खर्च के लिए वे पैसे कहां से लायेंगे। इस बाबत दिलीप मिश्रा, पूर्व जिला अध्यक्ष झारखंड विकास मोर्चा, खूंटी ने सचिव, खाद्य सार्वजनिक, वितरण एवं उपभोक्ता मामले झारखंड को पत्र लिखा है। पत्र में कहा है कि किसानों को धान की बकाया राशि का भुगतान जनहित में एवं किसानों के हित में सुनिश्चित किया जाए।
मिश्रा ने कहा है कि खेती करने का समय आ रहा है। किसान अभी बिचड़ा लगाने, खाद खरीदने एवम जुताई व जमीन को उर्वर बनाने का कार्य कर रहे हैं। कहा है कि किसानों को अभी पैसे की जरूरत है। किसानों ने 6 माह पूर्व अपने धान की बिक्री सरकारी लैंप्स या पैकस के माध्यम से की थी। तीन-चार महीने में आधी रकम सरकार द्वारा दी गयी। बाकी का भुगतान अभी भी किसानों को नहीं मिला है।
कहा कि खूंटी जिला के सहित झारखंड के सभी जिलों के किसान जिन्होंने धान को लैम्पस/पैकस में बेचने का कार्य किया है, अभी तक 50% राशि के भुगतान के लिए सरकार की ओर देख रहे हैं। कहा कि एक ओर सरकार के मंत्री द्वारा कहा गया कि बिचौलिया के हाथ धान नहीं बेचना है, दूसरी ओर सरकारी व्यवस्था ऐसी रहेगी तो किस मजबूरन बिचौलियों के हाथ धान बेचने को विवश हो जाएंगे। उन्होंने आगे कहा, झारखंड के किसानों के लगभग 7 से 9 करोड़ रूपया का भुगतान बाकी है। ऐसा लगता है कि इस बार किसान बिचौलियों के हाथ धान बेचने को मजबूर होंगे।