द फॉलोअप डेस्क
आज झारखंड कृषि ऋण माफी योजना के तहत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रांची के धुर्वा के प्रभात तारा मैदान पहुंचे थे। इस दौरान सीएम ने लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज का ये कार्यक्रम ऋण माफी जुटान नहीं है, बल्कि ये किसानों का सम्मान महाजुटान है। आज किसानों के सम्मान में ये कार्यक्रम आयोजित किया गया है। हमें पता है कि हमारे राज्य में 80 प्रतिशत लोग गांव-देहात में रहने वाले लोग हैं, खेती-बाड़ी से जुड़ने वाले लोग हैं, उसी पर इनका जीवन यापन भी होता है।
हेमंत ने कहा कि आपने सुना भी होगा कि मैं हमेशा ये कहता हूं कि झारखंड के लोगों के पास, हमारे गांव-देहात के लोगों के पास, हमारे किसानों के पास बोरा भर-भर कर पैसा नहीं है, बैंक में भरा हुआ नोट नहीं है, कोई एटीएम कार्ड भी नहीं है। बड़ी मुश्किल से खाता भी खोलते हैं, तो वो खाता में कुछ पैसा मेहनत-मजदूरी करके जमा करने का प्रयास आप लोगों का हमेशा रहता है। इसलिए हम कहते हैं कि हमारे किसानों का बैंक खेत होता है और एटीएम कार्ड उसका खलिहान होता है। यही संपत्ति है, हमारे किसानों की।
व्यापारियों के जेब में जाता है टैक्स का पैसा
सीएम ने आगे कहा कि- इस देश में ऐसे भी लोग हैं, जिनके पास न खेत है, न बाड़ी है, न टांड़ है, न कुआं है, न चापाकल है, न पटाने का कोई मशीन है और न ट्रैक्टर है। लेकिन उन पूंजीपति लोगों के पास बोरा भर-भर कर बैंकों में पैसा जमा पड़ा है। चंद लोगों के पास इतना पैसा है कि अगर देश के सवा सौ करोड़ लोग भी जुट जाए उस पैसा को गिनने के लिए तो उम्र खत्म हो जाएगा,लेकिन पैसा खत्म नहीं होगा।
इतना पैसा जुड़ा रखा है और वो पैसा कहां से आया, वो पैसा इस देश के गरीब किसान, मजदूर लोगों का पैसा है। आप नमक, तेल, जूता, चप्पल, बच्चों का पढ़ाई-लिखाई, कागज, कलम कुछ भी खरीदते हैं सब में आपको टैक्स लगता है और वो टैक्स का पैसा इन व्यापारी लोग का जेब में जाता है।
आज देश के किसानों को उनकी आय दोगुनी करने का एमएसपी बढ़ाने का पैसा इनके पास नहीं है। आज देश के बूढ़े-बुजुर्गों को बुढ़ापे का सहारा उसका लाठी जो पेंशन के रूप में होता है, वो देने का पैसा इनके पास नहीं है। इस देश की आधी आबादी को सशक्त करने का, उनको अपने पैरों पर खड़े करने का हिम्मत देने के लिए उनके पास संसाधन नहीं है, पैसे नहीं है। लेकिन अपने बड़े-बड़े व्यापारी मित्रों का कर्जा माफ करने के लिए लाखों-अरबों रूपया इनके पास भरा पड़ा है।
विचित्र स्थिति से गुजर रहा है देश
सीएम ने कहा, बड़ी विचित्र स्थिति से यह देश गुजर रहा है। आप लोगों ने सुना होगा कि पूरे देश का किसान भारतीय जनता पार्टी की सरकार को एक साल से अधिक तक दिल्ली को घेरकर बैठ गया था। दिल्ली में इस तरीके से वो किसान डटकर बैठे कि भारत सरकार चार दीवारी से बाहर नहीं निकल पा रहा था। उस आंदोलन में अनेक किसानों की जानें चली गई और ठंडा भी गुजर गया, गर्मी गुजर गयी, हर मौसम गुजर गया। लेकिन किसान डटे रहे, क्यों डटे रहे क्योंकि यही एनडीए की सरकार, यही भारतीय जनता पार्टी की सरकार किसानों के लिए काला कानून लेकर आ रही थी।
देश के किसानों को व्यापारियों के हाथ बेचने की थी तैयारी
पूरे देश के किसानों को व्यापारियों के हाथ में बेचने की तैयारी हो रही थी। वैसे भी देश का लगभग सब संपत्ति तो ये लोग बेच चुका है। बचा-कुछा जो इस देश का रीढ़ का हड्डी, जिसको हम किसान कहते हैं, इसको भी बेचने की तैयारी में था। लेकिन किसानों ने हार नहीं मानी और इतना जबरदस्त लड़ाई हुआ कि आखिरकार सरकार को घुटना टेकना पड़ा और वो तीनों काला कानून को उनको वापस करना पड़ा। ये है किसान की ताकत।
किसान को मान-सम्मान नहीं दोगे, उनको हक-अधिकार नहीं दोगे, तो जब किसान अपने बात पर अड़ गया, तो अच्छी-अच्छी सरकार खाक छानकर खत्म हो जाती है। हमारा राज्य तो वैसे भी देश का सबसे पिछड़ा हुआ राज्य है। सबसे अधिक लोग खेती-बाड़ी पर निर्भर करते हैं, आज हम लोगों ने इस राज्य के हर वर्ग हर व्यक्ति, महिला-पुरूष, लड़का-लड़की, बच्चा-बच्ची, स्कूल में पढ़ने वाले, खेत में काम करने वाले, मजदूरी करने वाले सबके लिए सरकार 24 घंटा इस राज्य की जनता की सेवा में लगा हुआ है। आपको याद होगा जब हम लोगों ने डबल इंजन की सरकार को उखाड़ फेंक कर झारखंडी सरकार बनाई जैसे ही सरकार बना कोरोना जैसा महामारी इस राज्य में आ गया, देश में आ गया पूरी, दुनिया में आ गया। ऐसा महामारी की हाट-बाजार, गाड़ी-मोटर, काम-धाम, नौकरी-चाकरी सब बंद। ऐसा महामारी गरीब-पिछड़े राज्य के लिए एक अभिशाप के तरह होता है, जहां मजदूर अगर एक दिन काम न करे, तो घर का चूल्हा भी नहीं जलता है। पूरे परिवार को भूखे पेट सोना पड़ता है। ऐसा आदेश था कि मजदूर घर पर रहे तो भूख से मर जाए, बाहर जाए तो कोरोना से मर जाए।
अपने संबोधन में सीएम ने और भी कई बातें कही और जनता के लिए हेमंत सरकार द्वारा किए गए कार्य और सरकार आपके द्वार की उपलब्धियां भी बताईं।